अयोध्या । सुप्रीम कोर्ट में श्रीराम जन्म भूमि मामले में सप्ताह में पांच दिन नियमित सुनवाई होने से यहां विश्व हिंदू परिषद की रामजन्म भूमि कार्यशाला में हलचल तेज हो गई है। कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए 1990 से लेकर अब तक तराशे गए पत्थर रखे हैं। अब इन पत्थरों को चमकाने का काम भी जोर-शोर से शुरू हो गया है। उम्मीद की जा रही है कि राम जन्मभूमि न्यास की बैठक शीघ्र हो सकती है।
इसमें शेष पत्थरों को राजस्थान से अयोध्या लाने और कार्यशाला में कारीगरों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।अयोध्या के राम घाट क्षेत्र में 30 अगस्त 1990 में कारसेवकपुरम् कार्यशाला की स्थापना की गई थी। विवादित ढांचा ढह जाने के बाद 1992 में राम जन्मभूमि कार्यशाला शुरू हुई थी।
तब यहां 125 कारीगर काम पर लगाए गए थे। बाद में 50 कारीगरों ने काम जारी रखा। 2007 से 2010 तक पत्थरों की कमी के कारण काम बंद हो गया । 2011 से काम फिर शुरू हुआ और तब से आज तक जारी है। राम मंदिर के लिए अब तक 70 प्रतिशत पत्थर तराशने का काम पूरा हो चुका है। राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका है। उसमें लगने वाले 106 स्तंभ तैयार हो चुके हैं। इन हर स्तंभों पर फूल पत्ती और 16 मूर्तियां बनाई गई हैं। इसके अतिरिक्त सिंहद्वार, रंग मंडप, कोली गर्भ ग्रह का काम भी पूरा हो चुका है।
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