कांग्रेस हाईकमान ने नेताओं को दिल्ली किया तलब
रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है लेकिन प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी खत्म होने की बजाय बढ़ती जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को हटाने की मांग तेज होने लगी है। वहीं, लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में ही तीन बार कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ चुके हैंं।
राज्य में प्रदेश कांग्रेस दो गुटों में बंट चुकी है। एक गुट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार और दूसरा गुट पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थन में काम कर रहा है। इन दोनों गुटों के नेताओं के बीच आये दिन झड़पेें भी हो रही हैंं। इस संबंध में अजय कुमार ने दिल्ली आलाकमान को प्रदेश कांग्रेस की स्थिति से अवगत कराया है। सुबोधकांत सहाय गुट के लोग प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार को लगातार हटाने की मांग कर रहे हैं। नेताओं का कहना है कि अजय कुमार के रहते झारखंड में कांग्रेस को नुकसान हुआ है। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को 14 में से सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल हुई। अजय कुमार को हटाने की मांग को लेकर तीन बार कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ चुके हैं। इससे पहले लोकसभा चुनाव के बाद समीक्षा करने रांची पहुंचे प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के समक्ष कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था और अजय कुमार को हटाने की मांग की थी। इसके बाद अजय जब प्रदेश कांग्रेस भवन में बैठक के लिए जा रहे थे, तब कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया था और उन्हें कांग्रेस भवन की दूसरी मंजिल पर जाने से रोकने की कोशिश भी हुई थी।
इधर 31 जुलाई को पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में अजय कुमार ने रांची महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह और पूर्व प्रवक्ता राकेश सिन्हा को छह वर्ष के लिए निष्काषित कर दिया। इसके बाद इन नेताओं ने अजय कुमार का विरोध और तेज कर दिया। इतना ही नहीं अजय कुमार ने कहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा से संस्कार सीखने की जरूरत है। इसके बाद तो कांग्रेस नेताओं ने उन्हें भाजपा का एजेंट तक कह दिया था। ऐसे में कांग्रेस की गुटबाजी क्या खत्म होगी, यह देखना बाकी है। इधर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संजय पाण्डेय ने कहा कि विरोध कर रहे नेता सुबोधकांत सहाय के सिद्धांतों पर चल रहे हैं। जबकि हम राहुल गांधी के सिद्धांतों पर चल रहे हैं।
झारखंड में इस वर्ष के अंत तक विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस में गुटबाजी से पार्टी को नुकसान हो सकता है। गुटबाजी की चर्चा कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच चुकी है। आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली तलब किया है। बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस के हालात को लेकर दिल्ली में बैठक हो सकती है और कोई निर्णय लिया जा सकता है।
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