अम्मान। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यमन को लेकर ‘‘अपनी सहायता वापस नहीं लेने’’ और खस्ताहाल हो चुके इस युद्धग्रस्त देश की मदद करने की प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की अपील की। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रशासक अचिम स्टेनर ने अम्मान में एक साक्षात्कार में एएफपी को बताया, ‘‘यूएनडीपी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, चार साल के संघर्ष ने यमन को 20 साल पीछे धकेल दिया है।’’उन्होंने कहा कि फरवरी में जिनेवा सम्मेलन में यमन को 2.6 अरब डॉलर की मदद देने का संकल्प जताया गया था लेकिन संयुक्त राष्ट्र को इस राशि का 36 प्रतिशत से भी कम हिस्सा मिला। गौरतलब है कि यमन में 2015 में शुरू हुए संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है।स्टेनर ने कहा, ‘‘यह दुनिया में सबसे भयावह मानवीय संकट है । कुछ मामलों में यह और खतरनाक होता जा रहा है, क्योंकि संघर्ष अभी भी जारी है और दो करोड़ से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की अत्यंत आवश्यकता है।’’
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