रांची। राजधानी रांची में पिछले छह वर्षों की तुलना में इस वर्ष 2019 में हत्या, लूट, डकैती और दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आई है। पुलिस आंकड़ों के अनुसार एक ओर जहां आपराधिक घटनाओं में कमी आई है। वहीं, जमीन विवाद को लेकर रांची में सबसे अधिक हत्याएं हुई हैं। साथ ही कुछ हत्या प्रेम प्रसंग के कारण भी हुई है। जबकि आपसी विवाद में हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में राजधानी रांची में इस वर्ष 2019 में अबतक अपराध की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है। राजधानी रांची में हाल के वर्षों में देखें तो जमीन विवाद में हत्या की घटना लगातार हो रही है। झारखंड बनने के बाद राजधानी रांची सहित अन्य बड़े शहरों में जमीन की कीमत काफी बढ़ी है। जैसे-जैसे जमीन की कीमत आसमान छूने लगी, वैसे-वैसे इस धंधे में अपराधियों ने भी पांव पसारना शुरू कर दिए। सफेदपोश जमीन माफिया इस धंधे में सीधे न उतरकर अपने-अपने इलाकों के कुख्यात अपराधियों को मोटी रकम देकर सपोर्ट लेना शुरू कर दिया। संपत्ति विवाद में होने वाली कुल हत्याओं में आधे से अधिक जमीन विवाद के कारण होती हैं। इनमें जमीन कारोबारी जमीन की दलाली करने वाले खरीदार और बिक्री करने वालों के अलावा परिवार के सदस्यों द्वारा की गई हत्या भी शामिल है। हालांकि पिछले दो महीने के दौरान रांची में जमीन विवाद को लेकर होने वाली हत्याओं में भी कमी आई है। जबकि आपसी विवाद को लेकर ज्यादातर हत्या की घटनाएं हुई है। इस वर्ष सभी तरह की अपराधिक घटनाओं की बात करें तो राजधानी रांची में वर्ष 2013 में 7094 अपराधी घटनाएं हुईं। वर्ष 2014 में कुल 7212 अपराधिक घटनाएं हुईं। वर्ष 2015 में 77019 अपराधिक घटनाएं हुई। वर्ष 2018 में 8088 अपराधिक घटनाएं हुई। वर्ष 2019 में अबतक 2683 अपराधिक घटनाएं हुई हैं।
हत्या, डकैती, लूट और दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आई हैः एसएसपी
एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि राजधानी में हत्या, डकैती, लूट और दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आई है। पुलिस कई केसों में घटना को अंजाम देने से पहले ही अपराधियों को तकनीकी शाखा के सहयोग से गिरफ्तार कर रही है। इससे भी वारदात में कमी आ रही है।
हत्या की वारदात : पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में 234 हत्या, वर्ष 2014 में 230 हत्या, वर्ष 2015 में 210 हत्या, वर्ष 2016 में 196 हत्या, वर्ष 2017 में 177 हत्या, वर्ष 2018 में 186 हत्या और वर्ष 2019 में अब तक 55 हत्या की घटनाएं हुई हैं।
डकैती की वारदात : पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में 29 डकैती ,वर्ष 2014 में 26, वर्ष 2015 में 17, वर्ष 2016 में 28, वर्ष 2017 में 19, वर्ष 2018 में 14 और वर्ष 2019 में सिर्फ तीन डकैती की घटनाएं हुई हैं।
लूट की वारदात : पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में 97 लूट, वर्ष 2014 में 111, वर्ष 2015 में 104, वर्ष 2016 में 132, वर्ष 2017 में 98 और वर्ष 2019 में सिर्फ 26 लूट की घटनाएं हुई हैं, जो पिछले छह वर्षों की तुलना में सबसे कम है।
दुष्कर्म की घटनाएं :पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में 115 दुष्कर्म, वर्ष 2014 में 131, वर्ष 2015 में 158, वर्ष 2016 में 161, वर्ष 2017 में 158, वर्ष 2018 में 179, जबकि वर्ष 2019 में सिर्फ 47 दुष्कर्म की घटनाएं हुई है, जो कि पिछले छह वर्ष की तुलना में काफी कम है।
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