रायपुर। भाजपा के दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की मौत के मामले में राज्य सरकार की न्यायिक जांच पर छ्त्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले से प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद एनआईए को अब भीमा मंडावी की हत्या से संबंधित जाच के दस्तावेज मिल जाएंगे, जिससे वह जांच के कार्यों में तेजी ला सकेगी। एनआईए ने आरोप लगाया था कि राज्य पुलिस घटना से संबंधित जानकारी एनआईए को नहीं दे रही थी। हाई कोर्ट में न्यायाधिश प्रशांत मिश्रा की बेंच ने सुनवाई के बाद यह निर्णय दिया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में छ्त्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की जांच पर अविश्वास जताते हुए प्रदेश भाजपा ने सीबीआई की जांच की मांग की थी। लेकिन राज्य सरकार ने इसे ठुकराते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस को इसकी जांच का जिम्मा सौंप दिया था। इसके कुछ दिनों बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को जांच का जिम्मा सौंप दिया। एनआईए ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर छत्तीसगढ़ सरकार से भीमा मंडाववी की जांच से जुड़े सभी दस्तावेज सौंपने की मांग की थी। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद एनआईए ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई हुई। बस्तर संभाग के दक्षिण दंतेवाड़ा से भाजपा एक एकमात्र विधायक भीमा मंडावी को लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने आईईडी लगाकर हत्या कर दी थी।
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