जोधपुर। फिल्म अभिनेता सलमान खान को जोधपुर के एक कोर्ट से झूठा शपथ पत्र पेश करने के मामले में बड़ी राहत मिली है।सोमवार को राज्य सरकार की अर्जी को सीजेएम ग्रामीण जज ने खारिज कर दिया। सलमान पर आरोप था कि उन्होंने वर्ष 2006 में कोर्ट में झूठा शपथ पत्र पेश किया कि उनके हथियार का लाइसेंस खो गया है।
सलमान खान की तरफ से पिछले सप्ताह स मामले में कहा गया था कि उनका किसी भी तरह का यह मंतव्य नहीं था कि वह झूठा शपथ पत्र दें। ऐसे में उसके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी। सीजेएम ग्रामीण अंकित रमन ने आज फैसले में राज्य सरकार की ओर से पेश की गई अपील को खारिज कर दिया। इससे सलमान को बड़ी राहत मिली है। इस तरह सलमान जोधपुर कोर्ट में एक और मुकदमे का सामना करने से बच गए।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1998 में सलमान अपनी फिल्म हम साथ-साथ है की शूटिंग के लिए जोधपुर आए थे। यहां उनके खिलाफ हिरण शिकार के तीन और एक आर्म्स एक्ट का केस दर्ज किया गया था। आर्म्स एक्ट में उन्हें पिछले साल बरी कर दिया गया। इस मामले की सुनवाई के दौरान सलमान को अपना लाइसेंस कोर्ट में जमा करवाना था, लेकिन सलमान की तरफ से शपथ पत्र देकर बताया गया कि उनका लाइसेंस खो गया। जबकि लाइसेंस नवीनीकरण के लिए दिया जाना सामने आया था।
अभियोजन ने इस शपथ पत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत वर्ष 2006 में कार्रवाई करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था। इधर, कोर्ट ने हिरण शिकार के तीन मामलों में सलमान को दोषी करार देकर सजा सुनाई है। इसमें से एक मामले में हाईकोर्ट से उन्हें बरी कर दिया है। शेष अन्य मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित है। जबकि हाईकोर्ट से एक मामले में सलमान को बरी किए जाने के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
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