आदिवासी संगठनों के रांची बंद का नहीं दिखा खास असर

रांची। राजधानी में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के विरोध में और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शनिवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर से आयोजित रांची बंद का खास असर देखने को नहीं मिला। ज्यादातर मार्गों पर रोजाना की तरह ऑटो, बसें चलती दिखींं और बाजार की अधिकांश दुकानें खुली रहीं। इस दौरान रेलवे स्टेशन और बस स्टैंडों  पर भी प्रत्येक दिन की तरह बसें चलीं। 

शनिवार की सुबह विभिन्न आदिवासी संगठनों ने शहर के कुछ इलाकों में जुलूस निकालकर लोगों से दुकान बंद करने की अपील की। हालांकि बंद को देखते हुए शहर की कुछ दुकानें बंद रहीं, जबकि अधिकतर दुकानें खुली रहीं। राजधानी के मेन रोड स्थित सभी दुकानें खुली रहीं। ग्राहक रोजाना की तरह शॉपिंग करते नजर आये। 

इधर, बंद को देखते हुए रांची जिला प्रशासन की ओर से शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। शहर के अलबर्ट एक्का चौक, कोकर चौक, कांटाटोली, रातू रोड, बिरसा चौक, हिनू चौक, लालपुर, डंगराटोली, शहजानंद चौक, कचहरी सहित अन्य जगहों पर काफी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात रहे। बंद के दौरान पुलिस के वरीय पदाधिकारियों ने लगातार विभिन्न चौक-चौराहों का निरीक्षण भी किया।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार की देर रात कोकर समाधि स्थल पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिसको लेकर विभिन्न आदिवासी संगठनों में काफी रोष है। असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शनिवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों ने रांची बंद बुलाया था। रांची बंद का समर्थन कांग्रेस और भाकपा ने भी किया था।

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