रांची। झारखंड के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने राज्य में सड़क हादसे को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए सड़क सुरक्षा से जुड़े परिवहन, पथ निर्माण, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व शिक्षा विभाग के सचिवों को समेकित प्रयास करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सड़क हादसे के बाद घायलों को त्वरित इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने पर बल दिया। मुख्य सचिव मंगलवार को झारखण्ड मंत्रालय में सड़क सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम और आगे की जानेवाली कार्रवाई की समीक्षा कर रहे थे। तमाम उपायों के बावजूद सड़क हादसे में प्रतिवर्ष 10 फीसदी की कमी आ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने हाईवे पर गति सीमा, अंधा मोड़ होने आदि की सूचना प्रदर्शित करने को कहा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सड़क हादसे में मौत का कारण, समय पर प्रारंभिक स्वास्थ्य सुविधा न मिलने से अत्यधिक रक्तस्राव होता है। इसके लिए उन्होंने हाइवे पर हर 50 किमी की दूरी पर फर्स्ट एड के सामान के साथ पारा मेडिकल कर्मियों से लैस एंबुलेंस तैनात करने का निर्देश दिया है। एंबुलेंस को जीपीएस सिस्टम तथा पुलिस थानों को उससे जोड़ने पर बल देते हुए इसे ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करने को कहा। उन्होंने राज्य की सड़कों पर चिह्नित 146 ब्लैक स्पॉटों को सुगम पथ बनाने के लिए किए गए उपायों को कारगर तरीके से लागू करने तथा उसकी मॉनिटरिंग करते रहने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने झारखंड में 2020 तक सड़क दुर्घटना में 50 फीसदी कमी लाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गति सीमा को नियंत्रित करने पर बल दिया। उन्होंने हाईवे पर पेट्रोलिंग करने और इंटरसेप्टर तथा कैमरे की मदद लेने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने मानकोंं के उलट बनाए गए स्पीड ब्रेकरों को मानक के अनुसार करने का निर्देश देते हुए शहरों में इसके न्यूनतम उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्पीड ब्रेकर की जगह सड़कों पर खड़ा किए जाने वाले ट्रैफिक बैरियर लगाएं, इससे वाहनों की गति खुद कम हो जाएगी। उन्होंने हेलमेट तथा सीट बेल्ट बांधने के उपायों को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि शहर की मुख्य सड़कों के चौराहे के पहले बांये, दांये या सीधे जानेवाले वाहनों के लेन को इंगित करनेवाले एरो के निशान बनवायें। उन्होंने कहा कि इससे दुर्घटना में कमी आने के साथ जाम की समस्या भी कम होगी। उन्होंने शिक्षकों के सहयोग से स्कूलों के विद्यार्थियों को जागरूक करने का निर्देश दिया। प्रत्येक सरकारी स्कूल के एक शिक्षक को इसके लिए प्रशिक्षित करने के लिए परिवहन विभाग को सुपर मास्टर ट्रेनर तैयार करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने बैठक में सड़क सुरक्षा में होनेवाले अनुमानित खर्च के बजट को भी अनुमोदित किया। बैठक में अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, पथ निर्माण सचिव केके सोन, स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी, परिवहन सचिव प्रवीण कुमार टोप्पो, एडीजी आरके मल्लिक और एडीजी मुरारी लाल मीणा मौजूद थे।
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