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गुमला जिले। के बसिया प्रखंड के भागीडेरा निवासी जेरकु साहू अपनी एक एकड़ टांड़ जमीन पर धान की फसल उगाकर किसानों के प्रेरणास्रोत बन गये हैं। लोग धान की लहलहाती फसल देखकर खुश हैं।
जेरकु साहू पेशे से निजी कम्पाउंडर हैं और समय पाकर खेती में जुट जाते हैं। अपनी लगन और मेहनत ने टांड़ जमीन पर भी धान की अच्छी फसल उपजाने में कामयाबी हासिल की है। पहले थोड़ी-सी जमीन पर पायोनियर 27 पी 31 नम्बर की धान फसल लगाकर देखी । फसल अच्छी हुई तभी इस वर्ष मार्च महीने में एक एकड़ में सूखी जमीन की जोताई कर कियारी बनाकर बिचड़ा डाल दिया और लगातार पानी देता रहा। अब फसल में बाली आना शुरू हो गया है । इसे देखने के लिये किसान के साथ सड़क चलते लोग भी रुक जाते हैं और जेरकु साहू से फसल लगाने की जानकारी लेते हैं।
जेरकु साहू कहते हैं कि धान की फसल के लिये पंद्रह सौ रुपये में पांच किलो बिचड़ा तैयार कर मार्च के अंतिम सप्ताह में टांड में लगा दिया। लगाते समय गोबर खाद प्रचूर मात्रा में दिया गया। पायोनियर कम्पनी से धान लगाने की सलाह मांगी तो कंपनी ने गर्मी में धान की खेती नहीं करने की सलाह दी। फिर भी जमीन के छोटे टुकड़े पर प्रयोग किया तो अच्छी फसल हुई। इससे प्रेरित होकर इस वर्ष एक एकड़ में लगा दिया। फसल लगभग बीस क्विंटल होने के आसार हैं। अगले वर्ष और भी वृहत पैमाने पर धान की खेती करने का इरादा है। जेरकु साहू शिकायती लहजे में कहते हैं कि धान को अच्छी कीमत के लिये लैम्पस में बेचना चाहा पर सरकारी दफ्तर के चक्कर काटते थक गया। अंत मे साहूकारों को सस्ते दाम पर फसल बेचनी पड़ी। फसल उपजाने के बाद भी उसकी कीमत नहीं मिलना यह किसानों के दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि अब साल में तीन बार खेती करूँगा। धान फसल समाप्त होते ही मकई तथा उसके बाद मटर की खेती होगी।
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