कोलकाता। अरबों रुपये के सारदा चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए आखिरकार कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है। उन्होंने मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भेजे गए नोटिस को खारिज करने की मांग की है।
मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह कोर्ट खुलने के बाद राजीव कुमार की ओर से न्यायालय में याचिका लगाई गई। न्यायमूर्ति प्रतीक प्रकाश बनर्जी की पीठ में इस पर सुनवाई होनी है। इसमें कुमार ने सीबीआई द्वारा भेजे गए नोटिस को गैर वाजिब बताया है और इसे रद्द करने की मांग की है। राज्य सीआईडी के वर्तमान एडीजी राजीव कुमार ने अपनी याचिका में कहा है कि सीबीआई उन्हें बिना वजह परेशान करने की कोशिश कर रही है। उसकी नोटिस को खारिज किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में अपने लिए अग्रिम जमानत की याचिका भी लगाई है।
उल्लेखनीय है कि चिटफंड मामले की जांच के लिए 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के मुखिया विधाननगर के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार थे। आरोप है कि उन्होंने कश्मीर के सोनमार्ग से सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन और उसके सहयोगी देवयानी को गिरफ्तार करने के बाद उसके पास से जो भी दस्तावेज बरामद किए थे उसे नष्ट कर दिया है। ऐसा सत्तारूढ़ तृणमूल के प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए किया गया था। इस मामले में सीबीआई के साक्ष्यों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दी है और सीबीआई को कानून के हिसाब से कार्रवाई करने की छूट दी है।
इसके बाद गत रविवार को जांच एजेंसी ने कोलकाता के आईपीएस आवास, डीसी साउथ मिराज खालिद के आवास और सीआईडी मुख्यालय में जाकर राजीव कुमार को नोटिस दी थी। उन्हें सोमवार सुबह 10:00 बजे आने के लिए कहा गया था लेकिन उनकी जगह सीआईडी के दो अधिकारियों ने सीबीआई दफ्तर में जाकर बताया था कि कुमार फिलहाल 7 दिनों की छुट्टी पर है और रविवार तक नहीं आएंगे। सीआईडी ने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कुमार छुट्टी बिता रहे हैं। इधर राज्य सरकार के एसआईटी में राजीव कुमार के साथी रहे आईपीएस अर्णव घोष से सीबीआई की टीम पिछले 2 दिनों से लगातार पूछताछ कर रही है।
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