हजारीबाग। सदर अंचल के हरहद मौजा के करीब 200 एकड़ वन भूमि की अवैध खरीद मामले की उपायुक्त न्यायालय में सोमवार को सुनवाई होनी है। संभावना जताई जा रही है कि इस सुनवाई के बाद इस मामले में उपायुक्त न्यायालय फैसला सुना सकता है। सोमवार को संबंधित पक्षों को अंतिम रूप में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया था। इस मामले में पूर्व में भी उपायुक्त न्यायालय में कई बार सुनवाई हो चुकी है, और कई आदेश के बाद पिछले 17 मई को एवं पुनः 21 मई को कुछ खरीददारों द्वारा अपना पक्ष रखा गया था। उपायुक्त न्यायालय इस मामले में लोगों का पक्ष सुनने के बाद निर्णय ले सकता है।गलत तरीके से निबंधित दस्तावेज रद्द होंगे: रजिस्ट्रार
जिले में साढ़े तीन सौ एकड़ से अधिक वन भूमि की हुई है। खरीद बिक्री
जिला अवर निबंधक पदाधिकारी वैभव मणी त्रिपाठी ने कहा है कि पूर्व में भूमि की किस्म को गलत तरीके से दिखाते हुए की गई रजिस्ट्री (निबंधित दस्तावेज) को रद्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उपायुक्त सह जिला निबंधन पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में वन प्रमंडल पदाधिकारी पूर्वी एवं पश्चिमी को हजारीबाग जिला के कई सेल डीड (रजिस्ट्री) की सूची और काॅपी उपलब्ध करवाई गई है, जो वन भूमि के अंतरण से संबंधित है। राज राजेश्वर प्रसाद सिंह बनाम झारखंड सरकार एवं अन्य मामले में उच्च न्यायालय के आलोक में निबंधन पदाधिकारियों को मिले भूमि के स्वामित्व की जांच के आधार पर उपरोक्त कागजात वन विभाग के अधिकारियोें को दी गई है। ऐसा होने पर उपरोक्त जमीनों की जांच की जा सके। यह भी कहा गया कि अधिकतर मामलों में निबंधन करवाने वाले पक्षकारों ने भूमि की किस्म रैयती बताते हुए निबंधन करवाया है। रजिस्ट्रार ने कहा है कि निबंधन कार्यालय से प्राप्त सूची के आलोक में गलत तरीके से निबंधित करवाए गए दस्तावेज रद्द किए जाएंगे।
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