लखनऊ। यहां मॉल एवेन्यू स्थित कांग्रेस मुख्यालय की सफेदी की जा रहा है। उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रचार अभियान चलाने के लिए पार्टी के उच्चस्तरीय पदाधिकारियों प्रियंका वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने-अपने कार्यालय होंगे। दो मंजिला इमारत को नए पदाधिकारियों के लिए तैयार किया जा रहा है, और इससे पार्टी के वफादारों के बीच उत्साह का माहौल है। एक नया वॉर रूम बनाया जा रहा है और नेताओं से निजी तौर पर मुलाकात हेतु कार्यकर्ताओं के लिए एक कॉन्फ्रेंस हॉल भी बनाया जा रहा है। कार्यालय में 12 कंप्यूटर टर्मिनल हैं। पिछले कुछ वर्षो में गगनचुंबी इमारतों से घिर चुका कांग्रेस का प्रदेश मुख्यालय राज्य में पार्टी की बुरी स्थिति को चित्रित करता आ रहा है। हालांकि कार्यकर्ताओं के बीच एक नई उम्मीद जगी है कि अब चीजें बदल सकती हैं। इमारत में चल रहे मरम्मत कार्य के लिए सहायक स्थायी सचिव (संगठन) अनिल कुमार शर्मा रोजाना करीब 14 किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं। इसी तरह की मरम्मत प्रियंका वाड्रा द्वारा स्थापित उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) में भी चल रही है। शर्मा ने कहा, यहां धीरे-धीरे कुछ जोश वापस लौट रहा है। झूठ और सच के बीच लड़ाई में प्रियंका निश्चित रूप से कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव में जीत की ओर ले जाएंगी। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में जिस तरीके से बाहरी मरम्मत का कार्य चल रहा है, ठीक उसी तरह पार्टी को भी मरम्मत की जरूरत है। यूपीसीसी के प्रवक्ता विरेंद्र मदन ने नवीनीकरण और बदलाव की योजना को कमतर कर पेश करते हुए कहा, इसका पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव के रूप में प्रियंका वाड्रा की नियुक्ति से कोई लेना-देना नहीं है। यह कुछ महीनों से चल रहा है, क्योंकि हम लोकसभा चुनाव की चुनौती की तैयारी में जुटे हुए हैं। उखड़ी हुई फर्श, टूटी दीवारों, फिसलन भरी जमीन, निकाए गए कांच के कचरे, खिड़कियों और पश्चिमी शैली के कमोड और अन्य घरेलू कचरों को पार करते हुए जब आप यूपीसीसी कार्यालय के पिछवाड़े पहुंचते हैं, तो वहां परिसर के एक बड़े हिस्से को झुग्गियों ने घेर लिया है। पिछले 15 वर्षों से कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में ड्राइवर का काम कर चुके ग्यास अहमद ने बताया कि पार्टी के लिए काम करने वाले 14 परिवार यहां रहते हैं। यूपीसीसी कार्यालय में पांच गाडि़यां हैं। इन लोगों की प्रियंका वाड्रा से उम्मीद राज्य व देश के लिए कम और खुद के लिए ज्यादा है। नाम न छापने की शर्त पर एक ने कहा, हमें हमारा बकाया नहीं दिया गया और घरों को खाली करने के लिए कहा गया है। इसलिए हम अदालत गए.. हमें आशा है कि प्रियंका दीदी हमारी मदद करेंगी। पुराने अखबारों से भरे एक कमरे में रह रहे 33 वर्षीय अरमान अहमद ने कहा, मैं कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के कारण पार्टी से जुड़ा हूं, लेकिन कोई मुझे बताए कि संगठनात्मक ढांचे में बदलाव कैसे आ सकता है, जब इसमें अभी भी जंग लगी हुई है। अहमद पिछले तीन वर्षों से सेवा दल के कार्यकर्ता हैं। फिर भी उम्मीद है कि पार्टी के लिए चीजें बेहतर हो सकती हैं। शनिवार को पार्टी कार्यालय पर सैकड़ों लोग गणतंत्र दिवस मनाने एकत्रित हुए थे। पार्टी कार्यालय में कैंटीन चलाने वाले राम अवतार का कहना है कि वह कुछ समय पहले तक यहां रोजाना 100 कप चाय बेचते थे, लेकिन जब से प्रियंका वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की नियुक्तियों की घोषणा हुई, उसके बाद से कपों की संख्या 250 हो गई है।
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