गौरव शर्मा नामक मरीज़ जिसकी उम्र लगभग 35 वर्ष है। वह पिछले 1 साल से ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। विगत 7-8 साल से गौरव को फर्श पर बैठने में भी काफ़ी दर्द महसूस होता था। पिछले एक साल से गौरव लाचारी की हालत में बिस्तर पर ही आराम कर रहे थे, लेकिन इस दरम्यान भी उनके दोनों निचले अंगों में लगातार दर्द हो रहा था।
अशहनिय दर्द से परेशान होने पर गौरव को उनके परिजनों ने राँची स्थित पारस अस्पताल लायें। पारस एचईसी अस्पताल के ऑर्थोपेडिक्स विभाग में सीनियर कंसलटेंट डॉ. अंकुर सौरव और कंसल्टैंट डॉ. कुमार विशाल ने मरीज़ की शुरुआती जाँच की। जाँच में गौरव के दोनों कूल्हे क्षतिग्रस्त पाए गए।
तत्पश्चात् डॉ अंकुर सौरव/डॉ कुमार विशाल ने मरीज़ की असहनीय स्थिति को देखते हुए दोनों तरफ के HIP प्रतिस्थापन की योजना बनाई गई। पारस एचईसी अस्पताल की ऑर्थोपेडिक्स टीम ने मरीज़ के दोनों तरफ के कुल हिप रिप्लेसमेंट का सफल इलाज किया। रोगी को अब चलने में कोई परेशानी नहीं हो रही है और वह अब आराम भी महसूस कर रहा है । सर्जरी के तुरंत बाद मरीज को पूरे वजन के साथ चलने की अनुमति दी गई थी। ठीक से चलने और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए पारस अस्पताल के तरफ़ से फिजियोथेरेपी की सुविधा भी दी गई थी, ताकि काफ़ी दिनों से जकड़े हुए माँशपेशी फ्री हो सकें। अब 2 महीने के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया है और दर्द पूरी तरह से खत्म हो गया है।
पारस अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने कहा कि पारस अस्पताल का प्रथम उद्देश्य है मरीज़ों की समस्या का निदान कर उन्हें एक स्वस्थ जीवनशैली उपलब्ध कराना। स्वास्थ्य के बिना कोई भी व्यक्ति जीवन के वास्तविक आनंद से दूर रहता है। एक स्वतंत्र और स्वस्थ जीवन सबका अधिकार भी है। झारखंड सहित अन्यत्र प्रदेशों से आए मरीज़ों के लिए पारस एचईसी अस्पताल की पूरी टीम अपनी अत्याधुनिक सुविधायुक्त चिकित्सा संशाधनों के साथ उच्च कोटि की सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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