- उपायुक्त न्यायालय ने सदर अंचल के हरहद मौजा की जमीन पर सुनाया फैसला
- 87 एकड़ वन भूमि की अवैध खरीद मामले में 44 पर प्राथमिकी कराने का निर्देश
हजारीबाग। सदर अंचल के हरहद मौजा के करीब 87 एकड़ वन भूमि की अवैध खरीद मामले में उपायुक्त न्यायालय ने सभी जमाबंदी व रजिस्ट्री डीड को निरस्त करने का निर्णय सुनाया है। उपायुक्त न्यायालय ने 2009 से 2013 के बीच 44 लोगों की खरीद-बिक्री को अवैध पाते हुए जमाबंदी व रजिस्ट्री डीड को निरस्त कर दिया। न्यायालय ने इस मामले में संबंधित पक्षों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया। इस आदेश से हजारीबाग के भू-माफिया में हड़कंप मच गया है। सोमवार को उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने अपने आदेश में माना कि भू-माफिया ने गलत तरीके से सुरक्षित वन भूमि को अपने नाम से निबंधित करा लिया था। जांच के क्रम में यह भी पाया गया कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 की अवहेलना करते हुए उक्त भूमि का निबंधन कराया गया था। इस संबंध में उपायुक्त शुक्ला ने अधिनियम की धारा 82 ए के तहत अधिसूचित वन भूमि को रैयती भूमि दिखाकर निबंधन कराए जाने के मामले में सभी दोषी व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज कर त्वरित विधिक कार्रवाई किए जाने का आदेश भी दिया है। उपायुक्त शुक्ला ने इस संबंध में वन प्रमण्डल पदाधिकारी तथा जिला अवर निबंधक को जिले के तमाम ऐसे वन भूमि के अवैध निबंधन के मामलों को चिन्हित कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि वन एवं पर्यावरण से छेड़छाड़ कदापि बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। यह आम आदमी के जीवन और पारिस्थितिक संतुलन से संबंधित है। ज्ञात हो कि इस मामले में पूर्व में भी उपायुक्त न्यायालय में कई बार सुनवाई हो चुकी है। उपायुक्त न्यायालय ने इस मामले में लोगों का पक्ष भी सुना और फिर निर्णय किया। इससे पूर्व पिछली 17 मई एवं 21 मई को कुछ खरीददारों ने अपना पक्ष रखा था। इतना ही नहीं 27 मई को भी इस मामले में सुनवाई हुई थी। यह मामला सदर अंचल के हरहद मौजा थाना नंबर 117 खाता नंबर 172 प्लाट संख्या 2367, 2366 एवं 2368 जो अधिसूचित वन भूमि है, उसकी अवैध/फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री से जुड़ा है। उपरोक्त जमीन बज़ाज आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के अलावा सुधा कुमारी, निरंजन कुमार, अजीत कुमार गुप्ता, मीना अजीत गुप्ता, नीरज कुमार, राजेन्द्र प्रसाद, आलोक कुमार, सुनिता कुमारी, कंचन सिन्हा, मनिन्दर पाल सिंह, प्रदीप कुमार अंबस्टा, राकेश कुमार, शकुन देवी, सरिता देवी, रविन्द्र सिंह, पंकज कुमार, मंजू मीनाक्षी, चंदन कुमार, सुनीता कुमारी, बीणा देवी, देवन्ती देवी, राजेश कुमार आदि के नाम से खरीदी गई है। संभावना जताई जा रही है कि आनेवाले समय में ऐसे ही कई अन्य मामले भी उपायुक्त न्यायालय से निरस्त किए जा सकते हैं।
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