हाई कोर्ट ने जेएसबीसीसीएल से पूछा- नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का अतिरिक्त भवन बनाने के लिए डीपीआर कब तक बनेगी?

रांची। झारखंड हाई कोर्ट में कांके नगड़ी स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने से संबंधित दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। गुरुवार को मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीसीएल) से पूछा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का अतिरिक्त भवन बनाने के लिए डीपीआर कब तक बनेगी? कोर्ट ने राज्य सरकार को इसपर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद एवं अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने पैरवी की। खंडपीठ ने झारखंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड से पूछा कि अगर आपको डीपीआर की राशि का भुगतान कर दिया जाता है तो कब तक नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के अतिरिक्त भवन की डीपीआर तैयार होगी? पिछली सुनवाई में झारखंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के एमडी कोर्ट में उपस्थित हुए थे। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया था कि कॉरपोरेशन के पास वित्त विभाग की चिट्ठी है जिसके तहत वह किसी भी भवन की डीपीआर बनाने के लिए प्रोजेक्ट की कुल लागत का 10 प्रतिशत राशि चार्ज लेते हैं। पूर्व की सुनवाई के दौरान सीसीएल, सेल आदि की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि वह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, कांके का अतिरिक्त भवन सीएसआर फंड के तहत तैयार करा सकता हं, लेकिन उसे भवन का डीपीआर बनाकर दिया जाए।

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