सिकल सेल उन्मूलन में झारखंड बना देश का मॉडल राज्य : स्वास्थ्य मंत्री

रांची। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड अब पीछे नहीं, सिकल सेल उन्मूलन में देश का मॉडल राज्य बन गया है। उन्होंने कहा, “हमने 25 लाख 94 हजार लोगों की जांच की है। इनमें से मात्र 2099 लोग सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित पाए गए हैं, यानी एक प्रतिशत से भी कम। ये हमारे संगठित प्रयास और ज़मीनी काम का नतीजा है।
डॉ. अंसारी गुरुवार को विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर रांची सदर अस्पताल में आयोजित राज्य स्तरीय उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, नर्स, एएनएम, सहिया दीदियां आप सब हमारे सच्चे हीरो हो। आप मेहनत करो, सेलरी बढ़ाने का काम हम करेंगे। सभी सहिया बहनों को जल्द ही टैबलेट भी दिया जाएगा ताकि तकनीक के साथ आप और तेज़ी से काम कर सको। उन्होंने ऐलान किया कि सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए रांची सदर अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना जल्द होगी। उन्होंने कहा कि इससे झारखंड को गंभीर बीमारियों के इलाज में एक नई दिशा मिलेगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार झारखंड में विश्वस्तरीय मेडिको सिटी बनाने जा रही है, जिससे राज्यवासियों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। “मैं खुद डॉक्टर हूं, मुझे झारखंड के आम आदमी का दर्द पता है। गठरी-मोटरी लेकर बाहर इलाज कराने जाने वाले हर मरीज की तकलीफ अब हमारी सरकार समझती है। अब उन्हें न ज़मीन बेचनी होगी, न खेत—इलाज की सारी व्यवस्था यहीं होगी।
मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि वर्ष 2047 तक देश को सिकल सेल मुक्त करने का लक्ष्य है, और झारखंड इसमें निर्णायक भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक अबु इमरान ने बताया कि 40 लाख स्क्रीनिंग का लक्ष्य था, जिसमें अब तक 25 लाख जांच पूरी हो चुकी है। “अभी भी हमें और मेहनत करनी होगी। जितनी जल्दी लोग जांच कराएंगे, उतना आसान होगा इस बीमारी को जड़ से खत्म करना“।
मंत्री डॉ. अंसारी ने सिकल सेल जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कार्यक्रम के दौरान आयोजित नुक्कड़ नाटक की भी सराहना की। इस कार्यक्रम में रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार, रक्त कोषांग प्रभारी डॉ. जॉन एफ. कैनेडी, राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. कमलेश, अंधापन नियंत्रण नोडल पदाधिकारी डॉ. पंकज, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विमलेश सिंह, कार्यक्रम प्रबंधक अनीमा किस्कु, रांची डीपीएम प्रवीण सिंह सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी एवं सहिया बहनें मौजूद थीं।

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