रांची: सिविल सर्जन डॉ भी.बी. प्रसाद ने आज निजी अस्पतालों और ब्लड बैंक के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जिसमें उपस्थित सभी निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने होल ब्लड की जगह ब्लड कंपोनेंट के इस्तेमाल करने पर सहमति जतायी है। ब्लड कंपोनेंट के इस्तेमाल से ज्यादा से ज्यादा मरीजों को लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा अब सभी निजी अस्पताल अपने संस्थान में परामर्शी (काउंसलर) नियुक्त करेंगे जो लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करेंगे। सोमवार को बैठक का आयोजन सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में किया गया था। सिविल सर्जन डॉ भी. बी. प्रसाद के निर्देशानुसार सभी निजी अस्पताल ऐसे चिकित्सकों की सूची तैयार कर सिविल सर्जन को उपलब्ध करवायेंगे जिनके पास ब्लड डोनेशन से संबंधित अनुभव है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ भी. बी. प्रसाद ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव के निर्देशानुसार सभी अस्पताल अगले तीन महीने में आयोजित किये जाने वाले ब्लड डोनेशन कैंप की तिथिवार सूची उपलब्ध करवायेंगे और इन तिथियों में कैंप आयोजित करेंगे। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल जिले में स्थापित ब्लड बैंक के साथ समन्वय स्थापित करेंगे और उस अस्पताल में भर्ती मरीज को खून की आवश्यकता होने पर ब्लड उपलब्ध करवायेंगे। सभी की सहमति से यह निर्णय लिया गया कि यथासंभव मरीज के अभिभावक या अटेंडेंट को ब्लड लाने नहीं कहा जायेगा बल्कि अस्पताल द्वारा कार्यरत किसी अधिकृत कर्मचारी को इसका जिम्मा दिया जायेगा। यही कर्मचारी ब्लड बैंक से ब्लड ला सकेंगे। इस बैठक में आयुष्मान भारत से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गयी। इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ भी.बी. प्रसाद, डीआरसीएचओ डॉ एस.बी. खलखो, रिम्स ब्लड बैंक के अधिकारी डॉ ए के श्रीवास्तव, सदर अस्पताल के ब्लड बैंक अधिकारी डॉ विमलेश डॉ सलिल मंडल के अलावा मेदांता अस्पताल के प्रतिनिधि, राज अस्पताल, नागरमल मोदी सेवा सदन, आरपीएस अस्पताल, आर्किड अस्पताल, अब्दुलरर्जाक सहित अनेक अस्पतालों के प्रतिनिधिगण एवं अनेक ब्लड बैंक के अधिकारी उपस्थित थे।
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