ओरमांझी: युवा कांग्रेस नेता अमाल खान ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण विधेयक को मोदी सरकार द्वारा महिलाओं के लिए एक झांसा बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लगातार दूसरे टर्म के अंतिम दसवें साल में ही या विधेयक इसलिए लेकर आई है।क्योंकि यह ना तो महिलाओं को हिस्सेदारी देना चाहती है।और ना ही पिछड़ों अति पिछड़ों को उसका वाजिब हक। कारण यह है कि इसके पूर्व यह विधेयक पारित नहीं हो सका था। क्योंकि कोटा के भीतर पिछड़ों अति पिछड़े को कोटा का प्रावधान नहीं किया गया था। जब यह सब को पता है कि आधी आबादी महिलाओं की है तो इसी चुनाव से 33 फ़ीसदी महिला आरक्षण कानून बनकर लागू क्यों नहीं हो सकता। छाती पीठ पीठ कर संसद के भीतर से लेकर चुनावी रैलियां के मंच तक से खुद को कभी पिछड़ा तो कभी अति पिछड़ा बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद से पारित महिला आरक्षण विधेयक में पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण न देकर एक बार पुनः साबित किया है। कि उन्हें पिछड़े या अति पिछड़े वर्ग के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिस तरह से पिछड़े अति पिछड़े वर्ग के लिए प्रतिनिधित्व का सवाल उठा रहे हैं।वह बेहद प्रशंससनीय है।
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