इस्लामाबाद। पाकिस्तान कोर्ट ने सोमवार को अल-अजीजिया-स्टील मिल्स कंपनी (एएससीएल ) और हिल मेटल एस्टेबलिशमेंट (एचएमई) मामले में सजायाप्ता पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मेडिकल आधार पर दाखिल जमानत अर्जी को खारिज पर दिया है। जस्टिस आमेन फारूख और जस्टिस मोहसिन अख्तर ने नौ पेज का शॉर्ट ऑर्डर निकाला है जिसमें बताया है मेडिकल के आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती है। दस दिन पहले शरीफ को कोट लखपत जेल से जिन्नाह अस्पताल स्थानान्तरित किया गया है, जहां वे अपनी सजा काट रहे थे। डॉन के मुताबिक मीडिया से बात करते हुए शाहिद खान अब्बासी ने इसे निराशाजनक फैसला बताया है । उन्होंने कहा कि हमने हमेशा कोर्ट के आदेशों का पालन किया है और हम इस आदेश का भी पालन करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को जिस तरह के इलाज की जरूरत है उस तरह का इलाज उन्हें जेल में नहीं दिया जा सकता। इसलिए यह जरूरी है कि जल्द से जल्द इन्हें छोड़ा जाए। उल्लेखनीय है कि एकाउंटिबिलिटी कोर्ट के जज मुहम्मद अरशद मलिक ने 24 दिसम्बर, 2018 को शरीफ को अल-अजीजिया-स्टील मिल्स कंपनी (एएससीएल) और हिल मेटल एस्टेबलिशमेंट (एचएमई) मामले में सात साल की सजा सुनायी थी और साथ ही 1.5 बिलियन और 25 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया था। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। शरीफ ने कोर्ट के इस फैसले को आईएचसी में चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट के निर्णय को त्रुटिपूर्ण और क्षति पहुंचाने वाला बताया गया था ।
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