नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की सलाह देने वाले मेघालय हाईकोर्ट के जज एस.आर. सेन से न्यायिक काम वापस लेने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो फैसले में से विवादित हिस्से को हटाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर सकते हैं। जस्टिस सेन ने पिछले दिनों दिए गए फैसले में कहा था कि विभाजन के बाद ही भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था। यही नहीं, उन्होंने अपने फैसले में आने वाले समय में भारत के इस्लामिक देश में तब्दील होने की आशंका भी जताई थी। जस्टिस सेन ने दिसंबर,2018 में अपने फैसले में कहा था कि यह एक निर्विवाद तथ्य है कि विभाजन के समय लाखों हिन्दुओं और सिखों का कत्लेआम हुआ था और उन्हें अपनी संपत्तियों को छोड़कर भारत आने पर मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने अपने फैसले में लिखा था कि पाकिस्तान ने खुद को इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर दिया। धर्म के आधार पर विभाजन होने की वजह से भारत को भी अपने को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था।
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