रांची। ‘विकसित भारत @2047: वाइस ऑफ यूथ’ कार्यक्रम में सोमवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शिक्षाविदों के संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। इस मौके पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख, शिक्षाविद एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम सभी को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री निरंतर प्रयासरत हैं कि इस देश का प्रत्येक व्यक्ति आर्थिक रूप से समृद्ध हो। अमृत काल में भारत कई मोर्चों पर तेजी से प्रगति कर रहा है। समग्र शिक्षा जैसी योजनाओं के तहत बुनियादी ढांचे का व्यापक विस्तार किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत @2047 का लक्ष्य देश का प्रत्येक क्षेत्र में यथा शिक्षा, स्वास्थ्य, अन्तरिक्ष, कृषि, उद्योग, खेल एवं अन्य क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास है। हम भारत को पुनः ‘विश्वगुरु’ के रूप में देखना चाहते हैं, अपने राष्ट्र को विश्व की आर्थिक महाशक्ति के रूप में देखना चाहते हैं जो दूसरे के प्रति भी करुणा रखता है। कोरोना महामारी काल में हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से ही बहुत कम समय में कोविड टीका विकसित किया गया। हमारे देश के लोगों का न केवल वृहत पैमाने पर टिकाकरण हुआ, बल्कि मानवता की रक्षा हेतु अन्य कई देशों को निःशुल्क टीका भेजा गया।
उन्होंने कहा कि 2047 तक सभी क्षेत्रों में समग्र विकास करना है और विकास की इस परिभाषा को गढ़ने में हमारे शैक्षणिक संस्थानों को आगे बढ़कर योगदान करना होगा तथा विद्यार्थियों को सही दिशा प्रदान करना होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में स्वच्छ वातावरण की बात कही। उन्होंने कहा कि सभी संसाधन होने के पश्चात भी यथोचित विकास नहीं हो पाता है क्योंकि वहां पर सही मायने में प्रेरक अपनी भूमिका नहीं निभा पाते हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी सबसे बड़े प्रेरणास्रोत हैं और इस कारण संसाधनों का सही उपयोग हो पा रहा है और देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड विकसित तभी होगा, जब यहां के लोग विकसित होंगे और यहां के लोग तभी विकसित होंगे जब प्राकृतिक संसाधनों का समुचित लाभ उन तक पहुंच पाएगा। राज्यपाल ने सभी के समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
कार्यशाला में आईआईएम निदेशक डॉ दीपक श्रीवास्तव, झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के कुलपति प्रो डीके सिन्हा, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य, संकायाध्यक्ष, वानिकी, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय डॉ एमएस मलिक, प्राचार्य रांची महिला महाविद्यालय डॉ सुप्रिया, इक्फ़ाई विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमण कुमार झा आदि समेत कई शिक्षाविदों ने विकसित भारत @2047 पर अपने विचार प्रकट किये।
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