बौद्धिक विरासत थे उनकी कमी हमेशा खलेगी: अजय सिंह

रांची। भाकपा राज्य कार्यालय के सभागार मे हिंदी साहित्य जगत के प्रख्यात आलोचक आजीवन कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य डॉ खगेन्द्र ठाकुर की पांचवीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया एवम श्रद्धांजलि अर्पित की गई। एवम उनके चित्र पर पुष्प अर्पित की गई ।उसके बाद श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कार्यालय सचिव सह जिला मंत्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि डॉ खगेन्द्र ठाकुर का जीवन एक खुली किताब है, उन्होंने अपने जीवन काल में कई पुस्तके लिखी जो देश में व्याप्त सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को दशार्ता है, एवम भारतीय समाज मे व्यापत कु रीतियो को दशार्ता है, डॉ खगेन्द्र ठाकुर ने अपने जीवन काल मे कई पत्र, पत्रिकाओं और अखबारों में संपादकीय की भूमिका निभाई और कई नए लेखको को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, साहित्य जगत में तो खालीपन हुआ ही साथ ही साथ कम्युनिस्ट आंदोलन को भारी नुकसान उठाना पड़ा, बौद्धिक जगत में बेबाक टिप्पणी के लिए विख्यात थे कॉम ठाकुर जी। वे प्रलेश , इप्टा, इसकफ बिहार श्रमिक पत्रकार यूनियन, विश्विद्यालय शिक्षक जैसे संगठनों से जुड़े हुए थे उनका जीवन सरल और सादगी से भरा हुआ था, हमेशा समाज के लिए चिंतित रहने व्यक्तित्व थे झारखंड उनकी जन्म भूमि थी डॉ खगेन्द्र ठाकुर का जीवन प्रेरणा देता था देता रहेगा। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के संयोजक सुनील सिंह ने कहा कि खगेन्द्र जी ने कई युवा पत्रकारों को लेखनी में सहयोग प्रदान किया और समाज के प्रति पत्रकारों के दायित्व के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया। श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से कुमार, मनोज श्यामल, श्रमिक पत्रकार संघ के सुनील सिंह, मनोज, अमरेश, संजीत ओबीसी मोर्चा के नागेंद्र चौधरी, राहुल वर्मा बाटुल जी सहित

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