झारखंड हाई कोर्ट ने डीजीपी से कहा , पुलिसकर्मियों को अनुसंधान प्रशिक्षण की जरूरत

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के समक्ष शुक्रवार को गिरिडीह जिले के पचंबा पैक्स मैनेजर संतोष यादव की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य के डीजीपी सशरीर उपस्थित हुए। कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि पुलिस थानों में आरोपितों का 100 प्रतिशत स्वीकारोक्ति बयान कैसे संभव है? अनुसंधान को सही सही दिशा में ले जाने के लिए पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देने की जरूरत है।
कोर्ट ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद अनुसंधान सही तरीके से होना चाहिए। कोर्ट ने महाधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद संतोष यादव समेत एक अन्य आरोपित को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की कोर्ट ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन भी कोर्ट के समक्ष उपस्थित थे।
इससे पहले गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि याचिकाकर्ता इस मामले में निर्दोष है। अनुसंधान में भी उसकी कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है। इसलिए उसे अग्रिम जमानत दी जाए।
दरअसल, वर्ष 2022 में गिरिडीह के पचंबा पैक्स के जरिए 800 क्विंटल धान खरीदा गया था। इस धान को मिल में नहीं भेजा गया था, जिसे लेकर गिरिडीह डीसी ने एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। मामले में पचंबा पैक्स के मैनेजर संतोष यादव सहित अन्य को आरोपित बनाया गया था। गिरिडीह डीसी ने पचंबा पैक्स के द्वारा खरीदे गए 800 क्विंटल धान को मिल में नहीं भेजे जाने को धान का गबन माना है।

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