Ranchi: झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष के रूप में एक रूम को नोटिफाइड किए जाने को चुनौती देने वाली अजय कुमार मोदी की जनहित याचिका की सुनवाई गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई. मामले में झारखंड विधानसभा की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया कि 6 राज्यों से विधानसभा में नमाज कक्ष पर मंतव्य आया है, इनमें से 3 राज्यों ने कहा है कि उनके यहां विधानसभा में नमाज का कक्ष है. विधानसभा को यह भी बताया गया कि कुछ और राज्यों से नमाज कक्ष के बारे में मंतव्य अभी आना है. इसके बाद नमाज कक्ष को लेकर विधानसभा द्वारा गठित सात सदस्य वाली सर्वदलीय कमेटी अपना निर्णय लेगी. जिसे कोर्ट को अवगत कराया जाएगा. विधानसभा की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि बिहार, तमिलनाडु ,पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों से विधानसभा में नमाज कक्षा के बारे में मंतव्य आ गया है इनमें से तीन राज्यों तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल एवं बिहार की ओर से बताया गया है कि उनके यहां विधानसभा में नमाज कक्ष है.कोर्ट ने मामले में 14 दिसंबर को कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश विधानसभा को दिया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की. पूर्व की सुनवाई में उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया था कि विधानसभा में सभी राजनीतिक पार्टियों में से 7 विधायकों की एक कमेटी बनाई गई है जो विधानसभा में नमाज कक्ष के बारे में अपनी रिपोर्ट देगी. देश के अलग-अलग राज्यों के विधानसभा से नमाज कक्ष को लेकर एक रिपोर्ट मंगाई गई है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर कानूनी पक्ष को देखते हुए इस संबंध में बनी कमेटी अपना रिपोर्ट देगी. यह देखा जा रहा है कि देश के किन- किन राज्यों के विधानसभा में नमाज कक्ष की व्यवस्था है. बता दें कि प्रार्थी ने याचिका दाखिल कर कहा है की झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष नहीं होना चाहिए. झारखंड सेकुलर राज्य है, किसी समुदाय विशेष के लिए विधानसभा में कक्ष नहीं होना चाहिए.
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