रांची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के 7वें संस्करण के दौरान नई दिल्ली के भारत मंडपम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने परीक्षा के तनाव और घबराहट भरे माहौल को दूर करने के साथ ही बच्चों, अभिभावकों एवं शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का राज्य के सरकारी स्कूलों में लाइव प्रसारण किया गया, जहां छात्रों ने प्रधानमंत्री को लाइव सुना।
प्रधानमंत्री के संबोधन को झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में स्कूली बच्चों, शिक्षकों एवं स्कूल प्रबंधन समितियों द्वारा सुना व देखा गया। इसके लिए सभी स्कूलों में लाइव प्रसारण की विशेष व्यवस्था की गयी थी। बच्चों ने प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनकर जीवन में सकारात्मकता और नवीन ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा ली।
रामगढ़ के गुरुनानक स्कूल में पढ़ाई कर रहे प्रियांशु श्रीवास्तव की मां पूजा श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री से पूछा कि वे अपनी बेटी की पढ़ाई को सोशल मीडिया मंचों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के इस्तेमाल के साथ-साथ कैसे मैनेज कर सकती है?
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया और मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर कहा कि मोबाइल ही नहीं, बल्कि किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती, किसी का भला नहीं करता। हर चीज के लिए एक मानदंड होना चाहिए, उसका एक आधार होता है। किसी भी चीज का कितना उपयोग करना चाहिए, इसका विवेक होना बहुत जरूरी है। टेक्नोलॉजी से हमें दूर नहीं भागना चाहिए, बल्कि उसका सकारात्मक उपयोग करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने मां के खाने का उदाहरण देते हुए कहा कि मां ने बहुत बढ़िया खाना बनाया है। वह पोषक तत्वों से भरपूर है, उसके कई लाभ हैं, आपको वह डिश पसंद भी है, वह खाने का सही वक्त भी है, मगर एक सीमा के बाद आपको अपना प्रिय भोजन भी खाना बंद करना पड़ेगा। क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया तो उससे पेट दर्द, उल्टी जैसी समस्या हो जायेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ही घर में चार लोग बैठे हैं, मगर वो एक-दूसरे से बात करने के बजाय उन्हें मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं। इसके पीछे सीक्रेसी भी बड़ा कारण है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खाना खाते समय डाइनिंग टेबल पर कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट नहीं होगा। सब लोग खाना खाते समय गप मारेंगे, बातें करेंगे। घर में एक कमरे को ‘नो गैजेट जोन’ होना चाहिए, ताकि उस कमरे में आकर घर के सभी सदस्य एक समय पर बिना मोबाइल के बातचीत करे। तकनीक को बोझ मानकर उससे दूर भागना नहीं चाहिए। तकनीक का सही उपयोग सीखना जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों को सलाह देते हुए कहा कि अपने माता-पिता को भी बढ़ते तकनीक से अवगत कराये, उन्हें जागरूक करे। अगर आप माता-पिता को समझाने का प्रयास करेंगे कि आप मोबाइल पर सिर्फ दोस्तों से बात नहीं कर रहे हैं, तकनीक का उचित इस्तेमाल भी कर रहे हैं। तभी वे आपके ऊपर भरोसा कर पाएंगे। मोबाइल का लॉक पासवर्ड घर के हर सदस्य को मालूम होना चाहिए।
This post has already been read 2089 times!