केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  लोकसभा में 2024-25 का अंतरिम  बजट पेश किया

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम केंद्रीय बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में महिलाओं और किसानों के लिए कई ऐलान किए हैं, लेकिन करदाताओं को अभी कोई राहत नहीं दी है। वित्त मंत्री ने परंपरा को निभाते हुए अंतरिम बजट में टैक्स दरों को अपरिवर्तित रखा है। तीन लाख रुपये तक की आय ही टैक्स फ्री है। सीतारमण का यह छठा और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है। सीतारमण ने अपने 58 मिनट लंबे बजट भाषण में कहा कि राजकोषीय घाटा 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है। 44.90 लाख करोड़ रुपये का खर्च है और 30 लाख करोड़ रुपये का राजस्व आने का अनुमान है। अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2024-25 में देश के बुनियादी ढांचे के लिए पूंजीगत व्यय को 11 फीसदी बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 फीसदी करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में पूंजीगत व्यय तीन गुना होने से आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन पर कई गुना प्रभाव पड़ा है। वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई में पूर्ण बजट में हमारी सरकार विकसित भारत के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करेगी। इससे पहले वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत में कहा कि हमारी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास की धारणा को मजबूत किया है। दस साल में आयकर संग्रह तीन गुना बढ़ गया है। सरकार वित्त वर्ष 2024-25 में दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कर बाजार से 14.13 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ने अनुपालन बोझ को कम कर दिया है, जबकि औसत मासिक जीएसटी संग्रह दोगुना होकर 1.66 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने परंपरा को निभाते हुए अंतरिम बजट 2024 के दौरान टैक्स दरों को अपरिवर्तित रखा है। वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के लिए समान कर दरों को बनाए रखने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर बंदरगाह कनेक्टिविटी, पर्यटन बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। सीतारमण ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और आराम के लिए 40 हजार सामान्य रेलवे बोगियों को वंदे भारत मानकों में परिवर्तित किया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा। कृषि क्षेत्र की और वृद्धि के लिए सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में सार्वजनिक और निजी निवेश को और बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद हमने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ घर बनाने का काम पूरा हुआ, जबकि दो करोड़ घर अगले पांच साल में और बनाए जाएंगे। सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 साल में 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं को 70 फीसदी आवास महिलाओं को मिले हैं। वित्त मंत्री ने कहा, “हमें गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, उनकी जरूरतें और आकांक्षाएं हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।

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