वित्तमंत्री के पिटारे से नौकरी पेशा वर्ग को मिली बड़ी सौगात, किसान एवं श्रमिकों का भी रखा ख्याल

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने चुनावी दंगल में उतरने से पहले मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्गो और श्रमिकों को बड़ी राहते देते हुए न सिर्फ उन्हें तोहफों से नवाजा बल्कि आम चुनाव को ध्यान में रखकर अपना भी सियासी गणित साधने का भरसक प्रयास किया है। वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट के पिटारे से मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों के लिए तोहफों की बरसात करते हुए आयकर दरों में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की। गोयल ने कहा कि अब पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए आयकर की सीमा को दोगुना कर जहां उसे पांच लाख रुपये करने का ऐलान किया वहीं उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपए तक की बचत पर भी कोई कर नहीं लगेगा। इस तरह गोयल ने नौकरीपेशा लोगों को 6.5 लाख रुपए तक की आय पर छूट देने का ऐलान किया। गोयल ने जब अपने भाषण में यह ऐलान किया तो पूरा सदन तालियों कीगड़गड़ाहट और ‘मोदी-मोदी’ के नारों से गूंज उठा। सदन में उपस्थित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मेज थपथपाकर गोयल की इस घोषणा का समर्थन किया। वित्त मंत्री ने आयकर सीमा का दायरा बढ़ाने के साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने का भी ऐलान किया। इतना ही नहीं वित्तमंत्री ने कहा कि अब एफडी पर मिलने वाले 40 हजार रुपए तक के ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। मालूम हो कि अब तक 10 हजार रुपए तक के ब्याज पर कोई कर नहीं लगता था। गोयल ने सदन में कहा कि इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। वित्त मंत्री ने बजट पिटारे से किसानों के लिए बड़ी राहत देते हुए दो हेक्टेयर भूमि की जुताई करने वाने किसानों को सालाना 6000 रुपये, जो तीन किश्तों में सरकार किसान के बैंक खाते में डालेगी। इस योजना को दिसंबर 2018 से लागू कर दिया गया है जिसके तहत पहली किश्त दो हजार रुपये की आम चुनावों से पहले किसान के खाते में जाएगी। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ की घोषणा करते हुए कहा कि इससे देश के लगभग 12 करोड़ किसान लाभांवित होंगे और इससे सरकारी खजाने पर सालाना करीब 75 हजार करोड़ रुपये का बोझ आयेगा। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ’ योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में तीन किस्तों में दी जाएगी। किसानों के बैंक खाते में सरकार दो-दो हजार रुपए की तीन किस्तों के जरिए इसका भुगतान करेगी । गोयल ने कहा कि इसकी पहली किस्त अगले महीने की 31 तारीख तक किसानों के खातों में भेज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर से कम कृषि भूमि वाले किसानों को मिलेगा। वहीं, वित्तमंत्री ने शहरी-ग्रामीण के बीत के अंतराल को कम करने का इरादा जताते हुए कहा कि देश के गरीबों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहरी-ग्रामीण के बीच की खाई को समाप्त करने की दिशा में काम किया है और गरीबों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है। गोयल ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने का ऐलान किया। इसके साथ ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को के लिए पेंशन योजना शुरु करने की भी घोषणा की। वित्तमंत्री ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना’ के तहत 10 करोड़ मजदूर लाभांवित होंगे तथा इस योजना के तहत मजदूरों को 3,000 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद मिलेगा। योजना का लाभ लेने के लिए मजदूरों को प्रति माह 100 रुपए का अंशदान करना होगा जिसके बाद सरकार उन्हें 3,000 रुपए प्रति माह मासिक पेंशन मिलेगी। गोयल ने मोदी सरकार की उपलब्धियों की फेहरिस्त गिनाते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 98 प्रतिशत से अधिक ग्रामीणों को स्वच्छता कवरेज के दायरे में लाया गया है तथा लगभग 5.4 लाख गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाया गया है।

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