रांची: पारस हॉस्पिटल धुर्वा में गिरिडीह के रहने वाले 50 वर्षीय व्यक्ति का हाथ कटने से बचाया है। उस व्यक्ति को सोल्डर के पास गोली लगी थी। जब वह व्यक्ति पारस हॉस्पिटल पहुंचा, तब तक बहुत देरी हो चुकी थी। इसके बावजूद पारस हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जन डॉ विवेक गोस्वामी और उनकी टीम के अथक प्रयास से मरीज के हाथ कटने से बचा लिया गया। इस तरह का केस बहुत की रेयर होता है, जहां देरी होने के बाद हाथ काटने की जरूरत नहीं पड़ती है। उस मरीज का ऑपरेशन कर उसे एक नयी जिंदगी और हौसले को उड़ान दी है। अब उस मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है। फिलहाल मरीज का इलाज डॉ विवेक गोस्वामी की देखरेख में हो रहा है। डॉ गोस्वामी ने बताया कि जब मरीज हमारे पास आया था, तो उसका हाथ पुरी तरह से छतिग्रस्त था। गोली लगने के कारण हाथ और मांसपेसियां भी बुरी तरह फटी हुई थी। रक्त का संचार नहीं था। मरीज ने रांची के तीन बड़े कॉरपोरेट हॉस्पिटल ने उनके हाथ का काटने की बात कही थी। इसके बाद मरीज लगभग 13 घंटे के बाद पारस हॉस्पिटल से संपर्क किया, जहां उनका सफल सर्जरी कर दी गयी है। ऑपरेशन लगभग छह घंटे चला। ऑपरेशन में सभी नसों को जोड़ा गया। खुन की नसों को भी जोड़ा गया। मांसपेसियों को नये तरीके से जोड़ा गया। मरीज को हॉस्पिटल में तीन दिनों तक स्पेशल तरीके से रखा गया, ताकि मरीज के हाथों से खुन नहीं निकलने लगे। इससे मरीज के हाथ बचाने में सफल रहे। ऑपरेशन के सात दिनों के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज की उंगलिया अभी काम कर रही है। हमारी टीम अभी इसपर नजर रखी हुई है। डॉ गोस्वामी ने बताया कि ऐसे केस मैंने पारस हॉस्पिटल और अन्य हॉस्पिटल में ऑपरेट किया था, इसका लाभ मरीज को मिला। छह माह के बाद मरीज पुरी तरह से ठीक हो जायेगा। उसका हाथ पुरी तरह से काम करने लगेगा।
पारस हॉस्पिटल के फैसिलिटी निदेशक डॉ नितेश कुमार ने कहा कि गिरिडीह का रहने वाला मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉक्टरों की टीम उस मरीज के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग लगातार कर रही है। पारस हॉस्पिटल में अब विश्वस्तरीय का इलाज उपलब्ध है।
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