रांची। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने मानव संसाधन विकास विभाग को अनारक्षित कोटि के अभ्यर्थियों की नियुक्ति मामले में 31 मार्च तक समाधान निकालने का निर्देश दिया है। इसके पूर्व प्रभारी शिक्षा मंत्री लुईस मरांडी ने मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल के दौरान बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने को लेकर अदालत से चार महीने अतिरिक्त समय की मांग की गयी है। मरांडी मासस के अरूप चटर्जी के एक अल्पसूचित प्रश्न का उत्तर दे रही थीं। उन्होंने बताया कि जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार नियुक्ति के लिए तैयार है और यह प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि सरकार अदालत के आदेश का पालन करेगी। मंत्री ने स्वीकार किया कि राज्य के इंटर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति वर्ष 2015-16 में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न लेकर योग्यता और अहर्ता के आधार पर अनारक्षित कोटि के अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था। उन्होंने बताया कि नियुक्ति के लिए जिलों को प्रेषित विज्ञापन के अनुसार 50 प्रतिशत पद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा संचालित सर्वशिक्षा अभियान के तहत ऐसे डीपीई, अहर्ताधारी पारा शिक्षक जिनकी सेवा उस वर्ष, जिसमें नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित की जाएगी, की पहली अगस्त को न्यूनतम दो वर्ष या उससे अधिक की हो, में से तथा शेष 50 प्रतिशत पद गैर-पारा शिक्षक अहर्ताधारी आवेदकों से भरा जाएगा। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं प्रक्रियाधीन है।
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