रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि हमारा देश वैश्विक मंच पर विविधता में एकता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच भाषा और संस्कृति में विविधता के बावजूद हम सभी एक हैं और एक रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम एक-दूसरे को जानने और समझने को बढ़ावा देता है और आपसी एकता की भावना को सशक्त करता है।
राज्यपाल रविवार को राजभवन में नेहरू युवा केंद्र की ओर से कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम ‘वतन को जानें’ के तहत जम्मू और कश्मीर से आए युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा-संस्कृति को जानना-समझना चाहिए तथा दूसरों की भाषा एवं संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। साथ ही भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का स्मरण करते हुए कहा कि ‘भारत जमीन का टुकड़ा नहीं है, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए।’
राज्यपाल ने कहा कि जम्मू और कश्मीर अपनी समृद्ध संस्कृति और खूबसूरत परिदृश्यों के लिए जाना जाता है। हिमालय की गोद में स्थित ‘पृथ्वी का स्वर्ग’ के रूप में जाना जाने वाला यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह फिल्म शूटिंग के लिए दुनिया में सबसे अच्छे स्थलों में से एक माना जाता है। प्राकृतिक सौंदर्यता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण जम्मू और कश्मीर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री के जरिये जम्मू और कश्मीर में विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल हुए हैं। जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित करने के लिए अनुच्छेद 370 को हटाने का अहम निर्णय लिया गया। हाल ही में अनुच्छेद 370 से संबंधित याचिका पर भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय की पीठ द्वारा संवैधानिक रूप से सही ठहराया गया। जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित होने से प्रगति का लाभ उन तक सुनिश्चित होगा। निश्चित रूप से कमजोर एवं हाशिए पर रहने वाले लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होंगे।
उल्लेखनीय है कि जम्मू और कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों पुलवामा, अनंतनाग, बड़गांव, कुपवाड़ा, बारामुला, श्रीनगर से 122 युवा राजभवन आए थे।
This post has already been read 3022 times!