रांची। बिहार के पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह ने कहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम मूलत: मुख्यमंत्री रघुवर दास और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नाकामी और असफलता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि दुनिया देख रही थी कि किस प्रकार झारखंड का भाजपा नेतृत्व पूरे चुनाव के दौरान हाशिये पर चला गया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित सभी केन्द्रीय मंत्रियों एवं वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया था। लेकिन झारखण्ड की आम जनता ने भाजपा सहित उनके सहयोगियों को आईना दिखा दिया।
सिंह ने बुधवार को यहां कहा कि कांग्रेस ने राईट टू फूड का संवैधानिक प्रावधान किया लेकिन झारखण्ड जैसे संपन्न राज्य में 22 लोग भूख से मर गये और रघुवर सरकार अपनी नाकामी छुपाते हुए विकास का ढोल पीटती रही। यह राजनीतिक असफलता और बेशर्मी की पराकाष्ठा थी। उन्होंने कहा कि रोजगार, गरीबी और अर्थव्यवस्था की चिंता को छोड़कर चुनाव के दौरान जल्दबाजी में बिना जनमत बनाये नागरिकता संशोधन विधेयक लाना भी इस हार का बहुत बड़ा कारण है क्योंकि जनता ख़ामोशी के साथ सरकार के कार्यकलाप को देख रही थी। एक अंडर करंट सरकार के खिलाफ में तैयार हो रहा था जिसे समझने में न केवल रघुवर दास बल्कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व भी असफल रहा।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि सरकार ध्रुवीकरण की राजनीति छोड़कर जमीनी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करे। उन्होंने कहा कि वे चुनाव के पहले से इस बात के प्रति निश्चिंत थे कि झारखण्ड में महागठबंधन की सरकार बन रही है। चुनाव प्रचार के दौरान वे जहाँ भी गये वहाँ जनभावना कांग्रेस-झामुमो और राजद गठबंधन के साथ थी और उन्हें इस गठबंधन की सरकार बनने का पूरा भरोसा था।
This post has already been read 7950 times!