जो बच्चा साफ-सुथरे ढंग से रहता है, वह सभी को प्यारा लगता है। अतः बच्चो का शरीर, नाखून, बाल, कपड़े, जूते इत्यादि साफ हों। -खांसी आने पर मुंह पर हाथ रखना सिखाएं। जुकाम होने पर रुमाल रखना अति आवश्यक है। -सबके बीच में नाक, कान, दांत कुरेदने की आदत ठीक नहीं है। -अपने निजी सामान (ड्रेस, जूते, कापी-किताब इत्यादि) को करीने से यथास्थान रखने की आदत डालें। -प्रयोग किए हुए डिस्पोजेबिल आइटम इधर-उधर न फेंककर डस्टबिन में ही डालना सिखाएं। -जब कोई बाहरी व्यक्ति घर में मिलने आए तो खड़े…
Read MoreCategory: बालपन
बच्चों का इंट्रोवर्ट नेचर कोई बीमारी नहीं, इन बातों का रखिए ध्यान
कई बच्चे छोटी उम्र से ही खुद में रहना पसंद करते हैं। अकेले बैठ कर म्यूजिक सुनना या कुछ पढ़ते रहना। बच्चों की इस आदत को अकसर अभिभावक समझ ही नहीं पाते हैं और दूसरे लोगों के साथ न घुलना-मिलने के कारण टेंशन में आ जाते हैं, लेकिन जरूरी नहीं ये बच्चे पूरी जिंदगी इंट्रोवर्ट ही रहें। बढ़ती उम्र के साथ बच्चे एक्सट्रोवर्ट यानी दूसरों के साथ बातचीत करने लगते हैं। अगर आपका बच्चा दूसरों से बातचीत करने की बजाय खुद में रहना पसंद करता है तो परेशान होने की…
Read Moreबच्चों को रखना है स्वस्थ तो सिखाएं ये 6 जरूरी आदतें
अपने बच्चे को स्वस्थ रखना है तो उन्हें कुछ जरूरी आदतें सिखाना बहुत ही जरूरी है। अच्छी आदतों का परिणाम वह बीमार नहीं होंगे। उनका लाइफस्टाइल साफ-सुढरा होना चाहिए। यह माता-पिता की ही जिम्मेदारी होती है कि वह बच्चों को अच्छी आदतें सिखाएं। आमतौर पर, हर बार मौसम में बदलाव आपके बच्चे को बीमार कर सकता है लेकिन, सावधानी बरतने पर बीमार होने की संभावना को कम किया जा सकता है। यदि आप अपने बच्चे के लिए स्वस्थ जीवन चाहते हैं, तो इन आदतों को अपने बच्चों को सिखाना न…
Read Moreलंगड़ू लोमड़ (बाल कहानी)
-मीनू गुप्ता- नंदनपुर जंगल में चार दोस्त रहा करते थे-हीरा तोता, चमकू गिलहरी, राजू बंदर और कुक्कू चिड़िया। चारों में बहुत गहरी दोस्ती थी। हीरा कभी मीठे अमरूद या सेब कहीं पा जाता तो वह राजू बंदर और कुक्कू के साथ मिल-बांटकर खाता। गिलहरी भी कहीं से अखरोट लाती तो आते ही उसे राजू बंदर को देती। राजू बंदर उसे तोड़कर सब में बराबर बांट देता। ऐसा ही दूसरे दोस्त भी करते थे। चारों दोस्त एक-दूसरे का पूरा ध्यान रखते थे। कभी कोई बीमार हो जाता, दूसरा उसके बच्चों का…
Read Moreयही है सही तरीका परवरिश का
नन्हें-मुन्नों की मासूम शरारतें बरबस ही हमारे चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं। उनकी एक मुस्कराहट के लिए माता-पिता कुछ भी करने को तैयार रहते हैं, पर कभी-कभी ये नन्हें-मुन्ने हमारे धैर्य की परीक्षा भी लेने लगते हैं… बच्चों की शरारतें कभी-कभी मुश्किलें भी पैदा कर देती हैं। यह परिस्थिति तब अधिक बनने लगती है, जब वे स्कूल जाना शुरू कर देते हैं और धीरे-धीरे उनमें नए ज्ञान के साथ विभिन्न बातों की समझ विकसित होने लगती है। वे अपनी पसंद व नापसंद जाहिर करने लगते हैं। कई बार माता-पिता…
Read Moreबालकथा: गिर कर उठना
-स्व. घनश्याम रंजन- बाल दिवस के अवसर पर चिड़ियाघर में बच्चों की कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं। हर उम्र के बच्चे आए थे। करन भी अपने परिवार के साथ चिड़ियाघर गया था। प्रतियोगिता कैसे आयोजित होगी इस बारे में माइक से बताया जा रहा था। पहले दौड़, फिर म्यूजिकल चेयर, फिर निबंध तब फिर कला प्रतियोगिता होनी थी। करन ने पहले भी कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया था और वह जीता भी था। चिड़ियाघर में दौड़ प्रतियोगिता के लिए बच्चे लाइन लगा रहे थे। करन भी लाइन में खड़ा…
Read Moreरेनकोट (बाल कहानी)
-दीपक मशाल- पाँच-छह रेनकोट देखने के बाद भी उसे कोई पसंद नहीं आ रहा था। दुकानदार ने ‘साहब’ को एक आखिरी डिजाइन दिखाने के लिए नौकर से कहा। -पता नहीं ये आखिरी डिजाइन कैसा होगा! इन छोटे कस्बों में यही तो समस्या है कि ‘जरूरत’ की कोई चीज आसानी से नहीं मिलती। वो फैशनपरस्त शहरी लड़का इसी सोच में डूबा था कि तभी बाहर हो रही बारिश से बचने के लिए एक आदमी दुकान के शटर के पास चबूतरे पर आकर खड़ा हो गया। शरीर पर कपड़ों के नाम पर…
Read Moreनारायण (बाल कहानी)
-पद्मजा शर्मा- ‘कहा के रहने वाले हो नारायण?’ ‘अब तो जयपुर का ही हो गया। गाँव में बारहवीं की परीक्षा देकर इधर आ गया। पास हुआ। राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.ए. कर रहा था। इच्छा थी अफसर बनूँगा पर नहीं बन सका। तब पिताजी ठीक ठाक कमा लिया करते थे। फैक्ट्री में काम करते थे। हम दो भाई बहन थे। पर अचानक ही एक दिन खबर आई कि मशीन में पिताजी का हाथ कट गया। फिर तो घर की स्थिति बिगड़ती चली गई। घर में कमाने वाला कोई नहीं था। अंतिम…
Read Moreसपने में देखा खजाना (बाल कहानी)
-अर्चना- मुगल सिपहसालार शायस्ता खां को विज्ञान और कला से बड़ा प्रेम था। फुर्सत के क्षणों में वह कला और विज्ञान पर नई-नई खोजें किया करता। एक दिन शायस्ता खां ने सपना देखा। किसी किले में बहुत-सा खजाना छिपा है। दूसरे दिन उसने एक ज्योतिषी से स्वप्न के बारे में पूछा तो ज्योतिषी ने बताया, तुमने जो सपना देखा, वह सच है। सात दिनों के अंदर-अंदर तुम्हें यह भी विदित हो जाएगा कि वह खजाना कहां दबा है। ठीक सातवें दिन शायस्ता खां को एक जासूस ने बताया, पूना के…
Read Moreसारा जग बेईमान! (बाल कहानी)
एक बार अकबर बादशाह ने बीरबल से शान से कहा-बीरबल! हमारी जनता बेहद ईमानदार है और हमें कितना बहुत प्यार करती है। बीरबल ने तुरन्त उत्तर दिया-बादशाह सलामत! आपके राज्य में कोई भी पूरी तरह ईमानदार नहीं है, न ही वो आपसे ज्यादा प्यार करती है। यह तुम क्या कह रहे हो बीरबल? मैं अपनी बात को साबित कर सकता हूं बादशाह सलामत ! ठीक है, तुम हमें साबित करके दिखाओ। बादशाह अकबर बोले। बीरबल ने नगर में ढिंढोरा पिटवा दिया कि बादशाह सलामत एक भोज करने जा रहे हैं।…
Read More