पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भाजपा की सदस्यता ली

Ranchi: पूर्व मुख्यमंत्री उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में दोबारा भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की इस दौरान हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और वीरों की पावन भूमि, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई द्वारा बनाये झारखंड राज्य की भूमि पर अपनी पुरानी भूमिका में लौटकर ऐसा लग रहा है कि जैसे मां के आंचल तले वापस आया हूं। राज्यपाल होना गरिमा की बात होती है लेकिन संगठन का दास होना गर्व की बात होती है।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधान सेवक हैं और मैं भी सेवक बन कर आपकी सेवा में हाजिर हूं। सूर्य उत्तरायण में जाएगा, लेकिन इस बार वर्ष 2025 का सूर्य महाकुंभ के साथ आया है और इस महाकुंभ में अमृत पान झारखंड का हर निवासी करेगा। विगत वर्ष 2024 से सबक लेते हुए 2025 के नए वर्ष में नई ऊर्जा, नई उमंग और नए उत्साह के साथ हमें झारखंड की जनता के हित के लिए लड़ना है, जूझना है और विजयी होना है।
रघुवर दास ने कहा कि आज 10 जनवरी का दिन मेरे लिए ऐतिहासिक दिन है, जहां मैं राष्ट्र की राजनीति करनेवाले एकमात्र लोकतांत्रिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी की 1980 के बाद दूसरी बार सदस्यता ले रहा हूं। 26 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी को राज्यपाल बनने से पूर्व मैंने पार्टी के सदस्य से इस्तीफा सौंपा था। यह मेरे लिए भावूक पल था। आज दूसरी बार सदस्यता लेते हुए मुझे काफी हर्ष हो रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत झारखंड के हमारे प्यारे कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट करता हूं। वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जी के नेतृत्व में पुरी पार्टी ने एकजुट होकर विजय दिलाने के संकल्प के साथ दिन-रात मेहनत की इसकी में प्रशंसा करता हूं, लेकिन परिणाम हमारे अनुकूल नहीं रहे। राजनीतिक जीवन में हार जीत लगी रहती है। जय पराजय जीवन का हिस्सा है। हम लोगों ने वह दिन भी देखा है जब 1984 में हमारे दो सांसद थे, तब विपक्षी हम दो हमारे दो बोलकर हमारी खिल्ली उड़ाते थे। लेकिन जैसा आप सभी को पता है कि भाजपा का जन्म ही हुआ है राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने के लिए, ना कि सत्ता सुख भोगने के लिए।

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