रांची। झारखण्ड राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के तहत कोई भी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी, संस्थान और व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान के एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में बिना प्रमाणन के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकता है। यदि राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं तो प्रकाशन के पूर्व राज्य औऱ जिलास्तर पर गठित मीडिया प्रमाणन औऱ अनुश्रवण समिति (एमसीएमसी कमिटी ) द्वारा प्रमाणित कराना अनिवार्य होगा।
चौबे ने बुधवार को बताया कि चुनाव आयोग की ओर से प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित करने के मामले में दिए गए ये निर्देश मतदान के हर चरण में लागू होगा। उन्होंने बताया कि 7 दिसंबर को दूसरे चरण में होने वाले मतदान को लेकर 6 और 7 दिसंबर को प्रिंट मीडिया में बिना प्रमाणन के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित नहीं किए जाएंगे।
एमसीएमसी कमेटी शीघ्रतापूर्वक करेगी विज्ञापनों का प्रमाणन
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि यदि किसी राजनीतिक दल और अभ्यर्थी की ओर से पूर्व प्रमाणन के लिए कोई विज्ञापन सामग्री एमसीएमसी कमेटी को सौपी जाती है तो वे उसे शीघ्रतापूर्वक निष्पादित करेंगे। इस तरफ राज्य औऱ जिलास्तर पर गठित एमसीएमसी कमेटी का ध्यान आकृष्ट कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि आपत्तिजनक और दिगभ्रमित करने वाले विज्ञापनों के प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने से चुनाव के अंतिम क्षणों में पूरी चुनावी प्रक्रिया दूषित हो जाती है। मतदान प्रक्रिया के अंतिम क्षणों में इस प्रकार के विज्ञापनों से प्रभावित अभ्यर्थी को उक्त विज्ञापन के विरुद्ध खंडन करने का मौका नहीं रहता है। अतः इन बातों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग की ओर से उपरोक्त निर्देश निर्गत किया गया है।
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