यदि किसी फ़ॉर्म में भर दिया जाए कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं तो क्‍या वाकई वो हो गए

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दोहरी नागरिकता के आरोप के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका करे खारिज कर दिया. नई दिल्‍ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दोहरी नागरिकता के आरोप के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका करे खारिज कर दिया. दरअसल, याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट गृह मंत्रालय को निर्देश दे कि मंत्रालय राहुल की नागरिकता के बारे में मिली शिकायत पर जल्द फैसला करे. याचिका में राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिए जाने की भी मांग की गई थी.

इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने टिप्पणी की कि कोई कंपनी किसी फ़ॉर्म में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक के तौर मेंशन करती है, तो क्या ऐसा कर देने से भर वो ब्रिटिश नागरिक हो गए. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और हिंदू महासभा की और से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के जयभगवान गोयल और हिंदू महासभा के चंद्रप्रकाश कौशिक द्वारा दाखिल की गई इस याचिका में कहा गया कि गृह मंत्रालय इस बारे में मिली शिकायत पर जल्द कार्रवाई करे. याचिका में राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिए जाने की भी मांग की गई है.

इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी का नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की भी अपील की थी. आपको बता दें कि बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को नोटिस जारी करके 15 दिन में जवाब मांगा था. डॉ. स्वामी ने शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि ब्रिटिश नागरिक होने के कारण राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

राहुल गांधी ने अपने सहयोगी के साथ बैकऑप्स लिमिटेड नामक कंपनी का सन् 2003 में ब्रिटेन में रजिस्ट्रेशन कराया था. दस्तावेजों में राहुल गांधी को कंपनी का डायरेक्टर और सचिव दर्शाने के साथ उनकी जन्मतिथि भी दर्ज थी. इस कंपनी द्वारा ब्रिटेन में दाखिल वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया. इस कंपनी को राहुल गांधी ने सन् 2009 में बंद कर दिया था.

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