रांची। राज्य सरकार ने झारखंड कार्यपालिका नियमावली 2000 में फिर से संशोधन किया है और सचिवों के अधिकार में कटौती की है। अब राज्य में नई योजनाओं की स्वीकृति के लिए राज्य के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिव सिर्फ 2.50 करोड़ तक की लागत वाली योजनाओं की ही स्वीकृति दे सकेंगे जबकि राज्य के मंत्री 2.50 करोड़ से ऊपर व 15 करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति दे पायेंगे। इस संबंध में कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने शुक्रवार को संकल्प जारी कर दिया है और सभी विभागों को दिशा-निर्देश भी दिया है। 15 करोड़ से अधिक एवं 25 करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद राज्य योजना प्राधिकृत समिति करेगी जबकि 25 करोड़ से ऊपर की योजनाओं की मंजूरी राज्य मंत्रिपरिषद से हो सकेगी।
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