National : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में कल यानी 17 सितंबर 2021 को जीएसटी परिषद की बैठक होगी। कोरोना वायरस महामारी की आशंकाओं के बीच जीएसटी परिषद की यह 45वीं बैठक बेहद अहम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बैठक में कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामान पर रियायती दरों की समीक्षा की जा सकती है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। इस बैठक में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी शामिल होंगे।
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सूत्रों के मुताबिक :
इस बैठक में कोविड-19 से जुड़ी जरूरी सामग्री और दवाओं पर शुल्क राहत की समय-सीमा को भी आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा देश में इस समय वाहन पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। दरअसल राज्य पेट्रोल-डीजल की उत्पादन लागत पर वैट नहीं लगाते, बल्कि इससे पहले केंद्र सरकार इनके उत्पादन पर उत्पाद शुल्क लगाता है, जिसके बाद राज्य उस पर वैट वसूलते हैं।

लॉन्च हो सकता है कॉमन इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल
लखनऊ में होने वाली अगली बैठक में जीएसटी से जुड़ी सभी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कॉमन इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल लॉन्च हो सकता है। इसके अलावा मौजूदा जीएसटी ग्राहकों को आधार सत्यापन की सुविधा भी दी जा सकती है । इसके बाद जीएसटी पंजीकरण, कर भुगतान, रिटर्न भरने, गणना और आईजीएसटी सेटलमेंट का काम एक ही पोर्टल के जरिये किया जा सकेगा। जिससे ग्राहकों को लाभ होगा ।

जीएसटी के दायरे में आ सकते हैं पेट्रोल-डीजल
देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई 2017 से लागू हुई थी। उल्लेखनीय है कि केरल हाई कोर्ट ने जून में एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान जीएसटी काउंसिल से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर फैसला करने को कहा था। ऐसे में इस पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में विचार हो सकता है। एक या एक से अधिक पेट्रोलियम पदार्थों- पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। जीएसटी में केंद्रीय कर मसलन उत्पाद शुल्क और राज्यों के शुल्क मसलन वैट को समाहित किया गया था, लेकिन पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस तथा कच्चे तेल को इसके दायरे से बाहर रखा था। क्योंकि इससे केंद्र और राज्य सरकारों को इन उत्पादों पर कर से भारी राजस्व मिलता है।
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