मुंबई। दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने सफलता का मंत्र साझा करते हुए कहा कि कभी-कभी सफलता तक पहुंचने का सबसे अच्छा जरिया असफलता का जश्न मनाना भी होता है। अनुपम ने गुरुवार की सुबह को ट्वीट किया, “असफलताओं से परे हम बड़ी चीजे बना सकते हैं, लेकिन कई बार सफलता तक पहुंचने का सबसे अच्छा जरिया असफलता का जश्न मनाना भी है। मेरी जिंदगी का सफर इसका सटीक उदाहरण है।” अनुपम को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने कई भाषाओं, कई नाटकों और 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उन्होंने ‘सारांश’, ‘राम-लखन’, ‘लम्हे’, ‘खेल’, ‘डर’, ‘डैडी’, ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी हिंदी फिल्मों में अपने काम से लोगों की वाहवाही बटोरी। इसके अलावा ‘द बॉय विद द टॉपनोट’ में सहायक भूमिका के लिए वह बाफ्टा में भी नामांकित हो चुके हैं।
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