नाट्योत्सव का आयोजन राज्य संग्रहालय होटवार राँची के द्वारा

राज्य संग्रहालय होटवार राँची द्वारा आयोजित नाट्योत्सव के दूसरे दिन पाच नाटक की प्रस्तुती की गई. “आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की ओर से नाट्योत्सव किया गया.

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पहली प्रस्तुती में प्रदीप बोस द्वारा अनुदित एवं अभिराज कुमार की परिकल्पना से मंचित “अवएद्ध इतिहास” ब्रिटिश हुकमत के जुल्मों सितम की कथा है. यह नाटक यह नाटक उन स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है, जिनका नाम इतिहास में शामिल नहीं है. समय के साथ भले इतिहास के पन्नों में धूमिल हो गयी पर हम सब सदा उन्हें याद रखेंगे.

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 दुसरी प्रस्तुति एक्सपोज़र संस्था की थी. जिसमे संजय लाल के निर्देशन में “आजादी के दीवानें” नाटक की प्रस्तुति की गयी। गाँधी जी के नेतृत्व में चम्पारण सत्याग्रह पहला सत्याग्रह पर आधारित थी.

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 तीसरी प्रस्तुति मासूम आर्ट ग्रुप, डाल्टनगंज की थी. निर्देशक सैकत चटटोपाध्याय की “आप कौन चीज के डायरेक्टर है जी” इस नाटक में वर्तमान, सामाजिक परिवेश को पृष्ठभूमि में रखते हुए राजनीतिक, धार्मिक एवं पारिवारीक विसंगतियों पर कराटा प्रहार किया गया है । हास्य व्यंग्य के माध्यम से जीवन के उलझे मुद्यो को सफलता पूर्वक उढाने एवं उनके – समाधान के रास्तों को बताने में कामयाब रहे.

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चौथी प्रस्तुति कला निकेतन धनबाद की थी । वशिष्ट नारायण सिंह के निर्देशन में नाटक “नौंटकी में झमेला” का मथन किया गया। इस नाटक में विलुप्त होती हमारी परम्पराओं ओर मूल्यों पर चिन्ता व्यक्त की गयी। सभ्यता एवं आधुनिकी कारण के चकाचौध में उजड़ रही हमारी जड़ों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गयी है।

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अंतिम प्रस्तुति थी नाटक “बहाने” वसुन्धरा आर्ट्स राँची के इस नाटक के निर्देशक है दीपक चौधुरी। इस प्रहसन को लिखा है वीर रंगकर्मी ओर लेखक अशोक पागल ने। गुरूशिध्य के संवाद से अनेक मनोरंजक स्थितियो उत्पन्न होती है।

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मंच संचालन किया डॉ. कमल बोस ने और धन्यवाद ज्ञापन किया डॉ. शरफउद्धीन ने किया ।

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