48 करोड़ रुपये के नल से निकल रहे हैं केंचुए

कोलकाता। दक्षिण 24 परगना में प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का आलम ऐसा है कि 48 करोड़ रुपये खर्च कर पेयजल परियोजना को पूरा किया गया और उस परियोजना से पानी के साथ केंचुए, जोंक, कीड़े निकल रहे हैं। घटना कहीं और की नहीं बल्कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर की है।
स्थानीय लोगों ने बताया है कि पुरातन बाजार और धन बेड़िया वाटर रिजर्वर से पानी वितरित किया जाता था। पहले तो लोगों ने सोचा कि इससे पेयजल की समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन बाद में जब इसमें से पानी का वितरण शुरू हुआ तो पानी का स्वाद नमकीन और रंग मटमैला था। लोग पीना तो दूर कपड़े धोने से भी हिचकिचाने लगे। बाद में न्यू टाउन पुरातन बाजार व धनबेड़िया में तीन वाटर रिजर्वर बनाए गए थे। उससे भी जलापूर्ति शुरू की गई लेकिन अब जो पानी इलाके में सप्लाई होती है आरोप है कि उसमें नलों से जोक, केंचुए और अन्य जलीय कीड़े निकल रहे हैं। इससे लोग बीमार भी पड़ रहे हैं और पीने को पानी भी नहीं मिल रहा।

डायमंड हार्बर नगर पालिका क्षेत्र में पाइपलाइन के जरिए पेयजल परियोजना को 2008 में अनुमोदित किया गया था। इसके लिए राज्य सरकार ने जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिन्यूअल मिशन के तहत काम शुरू करने हेतु 48 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी लेकिन दो सालो बाद राज्य में सरकार बदल गई और ममता बनर्जी का शासन आ गया। उसके बाद परियोजना कछुए की चाल से आगे बढ़ रही थी जो अब जाकर पूरी हुई है। लेकिन इसके पूरे होने के बाद भी लोगों को किसी तरह की कोई सहूलियत नहीं मिल रही है। 

 क्या कहना है भाजपा का 
भाजपा  के जिलाध्यक्ष अभिजीत दास ने बताया कि इलाके के लोगों को पेयजल सुविधा के लिए 48 कपोड़ रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन पानी मिलना तो दूर की बात उल्टे बीमारियां मिल रही हैं। राज्य सरकार ने इस पूरे क्षेत्र को नजरअंदाज किया है। हर साल लोग ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को जीताते हैं लेकिन पीने के लिए पानी की जगह दुर्गंध युक्त गंदा और मैला पानी वितरित किया जा रहा है। 
 माकपा ने क्या कहा
 स्थानीय माकपा नेता समर नायर ने भी इसी तरह का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है। तृणमूल नेताओं ने कट मनी ली है और पूरी परियोजना को गड्ढे में डाल दिया गया है। इलाके के लोग बोतल बंद पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर हैं।
खत्म है नगरपालिका की मियाद
 इधर नगर पालिका का कार्यकाल अक्टूबर 2008 में खत्म हो गया है। पूर्व नगरपालिका चेयरमैन मीरा हालदार ने कहा कि पानी की समस्या के समाधान के लिए 8 पंप लगाने की योजना बनाई गई थी लेकिन नगरपालिका में गठित बोर्ड की मियाद खत्म हो जाने की वजह से योजना को क्रियान्वयन नहीं किया जा सका। 
क्या कहना है प्रशासक का 
चूकि  नगर पालिका में गठित बोर्ड की मियाद खत्म हो गई है इसलिए डायमंड हार्बर के सब डिविजनल ऑफिसर सुकांत साहा प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम कर रहे हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलेगी तो समाधान करने के बारे में सोचेंगे।

This post has already been read 9490 times!

Sharing this

Related posts