वह प्रत्येक कोड़े की मार पर भारत माता की जय का गगनभेदी नारे लगाता है

National : बीसवीं सदी के प्रारम्भ में भारतीय स्वतन्त्रता के आन्दोलन में एक मंच के रूप में कार्यरत कांग्रेस में स्पष्टतः दो गुट बन गये थे। एक नरम तो दूसरा गरम दल कहलाता था। पहले के नेता गोपाल कृष्ण गोखले थे, तो दूसरे के लोकमान्य तिलक। इतिहास में आगे चलकर लाल-बाल-पाल नामक जो त्रयी प्रसिद्ध हुई, उसके बाल यही बाल गंगाधर तिलक थे, जो आगे चलकर लोकमान्य तिलक के नाम से प्रसिद्ध हुए।लोकमान्य तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को रत्नागिरी, महाराष्ट्र के एक साधारण किसान परिवार में हुआ था।…

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