आरपीएफ जवान पवन की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी गठित : रेल आईजी

रामगढ़ । रामगढ़ ट्रिपल मर्डर केस की जांच करने हाजीपुर जोन के रेल आईजी रवीन्द्र शर्मा सोमवार को बरकाकाना पहुंचे। बरकाकाना आरपीएफ पोस्ट पर सबसे पहले उन्होंने सुरक्षा के मुद्दे पर असिस्टेंट कमांडेंट देवांश शुक्ला व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की।

उन्होंने आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह द्वारा रेलवे कर्मचारी अशोक राम और उनके पूरे परिवार को गोलियों से छलनी किए जाने की घटना की जांच की। उन्होंने कहा कि अक्सर आरपीएफ के जवान अवसाद से ग्रसित होकर ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, लेकिन पिछले डेढ़ वर्षों में जवानों के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए आरपीएफ के अधिकारियों ने कई काम किए हैं। जवानों को तनावमुक्त रखने के लिए उनकी छुट्टी को लेकर विचार किया गया है। जवानों को समय पर छुट्टी दिए जाने का प्रावधान भी बनाया गया है लेकिन पवन ने किन हालातों में इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया है, इसकी जांच की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा पवन की गिरफ्तारी का है। इसके लिए आरपीएफ ने भी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। यह टीम सभी संभावित स्थानों पर छापेमारी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे घटना की जांच में रामगढ़ जिला पुलिस प्रशासन और जीआरपी के अधिकारियों ने भी अपने स्तर से टीम बना रखी है। सभी टीमें एक-दूसरे से कोऑडिनेट कर काम कर रही है। 

कैसे पहुंचा पवन के पास हथियार, इसकी भी होगी जांच

हाजीपुर जोन के रेल आईजी रवींद्र शर्मा ने माना कि पवन के पास हथियार गलत तरीके से पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पवन न तो असिस्टेंट कमांडेंट के बॉडीगार्ड के रूप में तैनात था और न ही पोस्ट पर उसकी ड्यूटी थी। ऐसी स्थिति में वह हथियार लेकर सिविल क्वार्टर में क्यों गया, जबकि उसके रहने की पूरी व्यवस्था आरपीएफ के बैरक में की गई थी। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद उसने पिस्तौल भी बैरक में छुपाया था। पूरा मामला संदेहास्पद है, इसलिए जांच टीम बनाई गई है। 

गौरतलब है कि शनिवार रात आरपीएफ कॉलोनी निवासी रेलवेकर्मी अशोक राम के घर में घुसकर पवन ने गोली मार दी थी। घटना में अशोक राम, पत्नी लीलावती देवी और गर्भवती वर्षा उर्फ मीर देवी की मौत हो गई थी।


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