अर्थव्यवस्था में बेहतरी के संकेत, नई बुलंदी पर शेयर बाजार, 10 दिन में 2900 अंक चढ़ा सेंसेक्स

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। सेंसेक्स पहली बार 55 हजार अंक के स्तर को पार करने में सफल रहा है, तो निफ्टी ने पहली बार 16,500 अंक के स्तर को पार किया है। सिर्फ अगस्त के महीने में ही शेयर बाजार 10 कारोबारी दिन के दौरान 6 दिन ऑल टाइम हाई का नया रिकॉर्ड बनाकर 2,900 अंक से अधिक की छलांग लगा चुका है। बाजार की ये तेजी लगातार जारी है और घरेलू शेयर बाजार के दोनों सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स लगातार कामयाबी की नई इबारतें लिखते जा रहे हैं।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने जून के महीने में 53 हजार अंक के स्तर को पार किया था। 22 जून को सेंसेक्स 482.65 अंक की छलांग के साथ 53,057.11 अंक के स्तर पर पहुंचा था, लेकिन बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स में अपना उस दिन का कारोबार गिरकर 52,588.71 अंक पर खत्म किया था। 22 जून के बाद 28 जून को सेंसेक्स एक बार फिर 53126.73 अंक के स्तर तक पहुंचा, लेकिन फिर लुढ़क कर 52 हजार अंक के दायरे में आ गया। 7 जुलाई को भी सेंसेक्स ने 53 हजार अंक के स्तर को पार किया और 53,054.76 अंक के स्तर पर बंद हुआ। लेकिन उसके बाद फिर ये सूचकांक लुढ़क कर 52 हजार के दायरे में आ गया। 7 जुलाई के बाद जुलाई के महीने में सेंसेक्स चार बार 53 हजार के स्तर को पार करने में सफल रहा, लेकिन कभी भी इस स्तर पर लंबे समय तक टिक नहीं सका।

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3 अगस्त को सेंसेक्स 53,125.97 अंक के स्तर पर खुला और कारोबार खत्म होने के समय 872.73 अंक की मजबूती के साथ 53,823.36 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसके अगले ही दिन 4 अगस्त को सेंसेक्स पहली बार 54 हजार अंक के स्तर को पार करने में कामयाब हुआ। सेंसेक्स 54,071.22 अंक के स्तर पर खुला, जोरदार लिवाली के बल पर 54,465.91 अंक तक ऊपर चढ़ा और अंत में 546.41 अंक की मजबूती के साथ 54,369.77 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसके बाद 7 कारोबारी दिन के अंदर ही सेंसेक्स ने नया इतिहास रचते हुए 55 हजार अंक के स्तर को पार कर लिया। सेंसेक्स को 53 हजार से 54 हजार के स्तर तक पहुंचने में 22 जून से लेकर 4 अगस्त तक के की अवधि में 30 कारोबारी दिन का समय लगा, जबकि 54 हजार से 55 हजार का स्तर पाने में सेंसेक्स ने सिर्फ 7 कारोबारी दिन का ही समय लगाया।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने 15 मई को 15 हजार का स्तर पार किया था। 15 मई को निफ्टी 15,067.20 के स्तर पर खुला, जोरदार खरीदारी के बल पर चढ़कर 15,137.25 अंक के स्तर तक पहुंचा और अंत में 15,108.10 अंक के स्तर पर बंद हुआ। 15 हजार से 16 हजार का स्तर पार करने में निफ्टी को डेढ़ महीने से अधिक का समय लग गया। निफ्टी ने 3 अगस्त को पहली बार 16 हजार अंक के स्तर को पार किया और उसके बाद से लगातार 16 हजार के दायरे में ही बना रहा है। 4 अगस्त को निफ्टी 16,200 के दायरे को पार करके 16,290.75 अंक तक पहुंचा। इसके बाद 5 अगस्त को निफ्टी 16,300 के दायरे के ऊपर जाकर 16,349.45 अंक तक पहुंचने में सफल रहा। उसके 6 कारोबारी दिन बाद आज निफ्टी ने पहली बार 16,400 के दायरे को पार किया। इसके बाद आज ही ढाई घंटे के कारोबार के बाद निफ्टी ने 16,500 के दायरे को भी पार कर लिया।

सेंसेक्स और निफ्टी दोनों की तेजी के ट्रेंड पर नजर डालें, तो पता चलता है कि अगस्त के महीने में इन दोनों सूचकांकों में जोरदार तेजी आई है। इस महीने के 10 कारोबारी दिनों मे सेंसेक्स में आज तक 2,900 अंक से भी अधिक की उछाल आ चुकी है। जुलाई के आखिरी कारोबारी दिन 30 जुलाई को सेंसेक्स 52,586.84 अंक के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि आज ये 55,487.79 अंक के स्तर तक पहुंच चुका है। इसी तरह निफ्टी भी इन 10 कारोबारी दिनों में 780.55 अंकों की छलांग लगा चुका है। 30 जुलाई को निफ्टी 15,763.05 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। लेकिन अगस्त के 10 कारोबारी दिनों में ही जोरदार लिवाली के कारण ये सूचकांक उछलकर 16,543.60 अंक के स्तर तक पहुंच चुका है।

शेयर बाजार में तेजी का ये दौर लगातार जारी है। जानकारों का मानना है कि बाजार की इस तेजी का सबसे प्रमुख कारण जुलाई के महीने में आए मजबूत आर्थिक आंकड़े रहे हैं। जुलाई के महीने में अर्थव्यवस्था ने कमोबेश हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया है, जिसकी वजह से बाजार में उत्साह का माहौल बना है।

धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक जुलाई के महीने में रिटेल महंगाई की दर भी जून की तुलना में कम होकर 5.59 फीसदी पर आ गई है। जुलाई के महीने में जीएसटी कलेक्शन में भी सालाना आधार पर 33.14 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। और तो और भारतीय रिजर्व बैंक ने भी जीडीपी विकास दर का अनुमान 9.5 फीसदी पर कायम रखा है। इसकी वजह से शेयर बाजार के निवेशकों का उत्साह लगातार ऊंचा बना हुआ है और वे जमकर खरीदारी कर रहे हैं। खास तौर पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अगस्त के महीने में जमकर शेयरों की खरीदारी की है। हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अगस्त के पहले के 4 महीनों के दौरान जमकर बिकवाली कर रहे थे। खरीद बिक्री के कुल आंकड़ों को मिलाकर ये विदेशी निवेशक अप्रैल से लेकर जुलाई तक 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों की बिक्री कर चुके थे। लेकिन अगस्त के महीन में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एक बार फिर तेजी से खरीद करने में लग गए हैं।

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प्रशांत धामी की तरह ही मार्केट एक्सपर्ट एसपी शाह का कहना है कि जुलाई महीने के मजबूत आर्थिक आंकड़ों के साथ ही बाजार पर साल की पहली तिमाही के आर्थिक परिणामों का भी सकारात्मक असर हुआ है। जून में खत्म हुई तिमाही में शेयर बाजार की चाल को प्रभावित करने वाली ज्यादातर कंपनियों के नतीजे सकारात्मक आए हैं। जिससे उन कंपनियों का शेयर वैल्यू तो बढ़ा ही है, इसके साथ ही बाजार का उत्साह भी लगातार बढ़ा हुआ नजर आ रहा है। इसके साथ ही देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी पहली बार 620 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया है।

एसपी शाह के का कहना है कि बाजार को प्रभावित करने वाले इन सभी कारकों के साथ ही कोरोना की मौजूदा स्थिति ने भी बाजार के रुख को लगातार सकारात्मक किया है। इस जानलेवा बीमारी पर केरल और महाराष्ट्र छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में प्रभावी तरीके से काबू पा लिया गया है। महाराष्ट्र में भी इस महामारी का संक्रमण मई और जून की तुलना में काफी कम हो चुका है। इसके साथ ही देश में करीब 50 करोड़ वैक्सीन लगाए जा चुके हैं। इसकी वजह से देश की कारोबारी गतिविधियों पर सकारात्मक असर पड़ा है। जिसके कारण शेयर बाजार भी सकारात्मक तरीके से कारोबार करते हुए लगातार आगे बढ़ रहा है।

बाजार विशेषज्ञ का मानना है कि शेयर बाजार की तेजी आगे भी जारी रह सकती है लेकिन छोटे निवेशकों को मौजूदा समय में सतर्क होकर निवेश करना चाहिए, क्योंकि अभी बाजार जिस ऊंचाई पर पहुंच चुका है, उस ऊंचाई पर कभी भी करेक्शन या मुनाफावसूली का दौर शुरू हो सकता है। इसलिए छोटे निवेशकों को कम अवधि के निवेश से बचना चाहिए। जिन छोटे निवेशकों ने अभी शेयर बाजार में अपना पैसा लगा रखा है, उन्हें भी मौका मिलते ही मुनाफावसूली करते हुए शेयर बाजार से अपना पैसा सुरक्षित निकाल लेना चाहिए और अपने नए निवेश के लिए बाजार मे करेक्शन होने का इंतजार करना चाहिए।

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