बेगूसराय बालिका गृह में पीड़िता परेशान
खगड़िया। खगड़िया के चर्चित बालिका सामूहिक यौन शोषण कांड की पीड़िता की हत्या हो सकती है। इस आशंका पर खगड़िया पुलिस ने पीड़िता को बेगूसराय बालिका गृह भेज दिया है। जबकि पीड़िता की मां और इस कांड की सूचिका ने कोर्ट में आवेदन देकर विशेष न्यायाधीश से अपनी पुत्री को बेगूसराय बालिका गृह से निकालकर अपने संरक्षण में देने की गुहार लगायी है। पीड़िता की मां का कहना है कि बदहाल बालिका गृह की कुव्यवस्था से उनकी बेटी काफी परेशान है। तीन दिन पहले बेगूसराय बालिका गृह में खगड़िया से भेजी गयी एक किशोरी की संदिग्ध हालत में मौत के बाद दुष्कर्म पीड़िता को अपनी जान का डर सताने लगा है। उल्लेखनीय है कि कांड की अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक शांता ने कोर्ट में पीड़िता की मां और कांड की सूचिका का धारा 164 द.प्र.सं. के तहत बयान दर्ज कराने के बाद एक आवेदन दिया जिसमें कहा गया है कि पीड़िता को असामाजिक तत्वों से धमकी मिल रही है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली है कि पीड़िता की हत्या भी हो सकती है तथा वह डरी -सहमी रहती है। अनुसंधानकर्ता के आवेदन पर कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता को यह लिखित रूप से बताने को कहा है कि क्या खगड़िया पुलिस पीड़िता को सुरक्षा देने में सक्षम है या नहीं? क्या बेगूसराय बालिका गृह में पीड़िता सुरक्षित रहेगी? आदि आदि 27 सितंबर को कोर्ट का पत्र निर्गत होने के बाद समाचार लिखे जाने तक अनुसंधानकर्ता की लिखित रिर्पोट नहीं मिली थी । कांड की सूचिका ने कोर्ट को दिये आवेदन में पुलिस पर उन्हें तथा उनकी पुत्री को परेशान करने का आरोप लगाया तथा कहा है कि पुलिस ने अभियुक्तों के साथ साजिश रचकर उनकी पुत्री को बेगूसराय बालिका गृह भिजवा दिया है। वह वहां काफी असुरक्षित महसूस कर रही है। अभियुक्तों की पहुंच बालिका गृह तक है। पीड़िता पर अपना बयान बदलने का दबाव डाला जा रहा है। उसकी की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और पुलिस के रवैये से पीड़िता खौफ से निकलने की बजाय मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही है। सूचिका का कहना है कि यदि पुलिस को उसकी इतनी ही चिंता है तो खगड़िया में उसे सुरक्षा मुहैया करावे। कोर्ट ने सूचिका के आवेदन के आलोक में अनुसंधानकर्ता से जबाव मांगा है। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय बालिका गृह की कुव्यवस्था से परेशान पांच लड़कियां मौका पाकर वहां से फरार हो गयी थीं । यह मामला देशभर में सुर्खियों में रहा था। चर्चा यह भी है कि पुलिस अभियुक्तों की गिरफ्तारी से बच रही है और बयान लेने के बहाने थाना और डीएसपी कार्यालय बुलाकर पीड़िता और उसकी मां को काफी दबाव में डाले हुये है। हालांकि एसपी मीनू कुमारी ने बताया कि उन्हें पीड़िता की सुरक्षा की चिंता है इसीलिये पीड़िता को बालिका गृह भेजा गया है क्योंकि जिस दिन पीड़िता की दोबारा मेडिकल जांच करायी गयी थी उसदिन उसका कोई भी परिजन मौजूद नहीं था इसलिये बाध्य होकर बाल संरक्षण ईकाई के माध्यम से उसे बालिका गृह भेजा गया है और वे स्वयं सभी परिस्थतियों पर नजर बनाये हुये हैं। इस कांड में नामजद सभी लोगों की गिरफतारी जल्द ही सुनिश्चित की जाएगी।
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