विधायक द्वारा बीएसएल अधिकारी की कथित पिटाई मामले में पुलिस की जांच शुरू

बोकारो। बोकारो के भाजपा विधायक बिरंची नारायण द्वारा बोकारो स्टील के एजीएम अजीत कुमार की कथित पिटाई के मामले को लेकर अब कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। घटना के दिन ही दोनों तरफ से दर्ज करायी गयी लिखित शिकायत की जांच के बाद सिटी थाने की पुलिस ने इस बाबत बुधवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली। विधायक सहित 26 समर्थकों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे की जांच में पुलिस लग चुकी है।
गुरुवार को पुलिस अधीक्षक पी. मुरुगन ने बताया कि डीएसपी के नेतृत्व में इस जांच टीम गठित की गयी है। उन्होंने कहा कि उक्त मामले में बीएस सिटी थाने में दोनों तरफ से मुकदमे दर्ज कराये गये हैं। डीएसपी के नेतृत्व में अनुसंधान प्रारम्भ कर दिया गया है। साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
एसपी ने बताया कि बोकारो स्टील के एजीएम अजीत कुमार द्वारा स्थानीय विधायक पर अपने समर्थकों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। वहीं दूसरी तरफ तालाब-जीर्णोद्धार कार्य के संवेदक कृष्ण कुमार पांडेय ने एजीएम सहित अन्य कर्मियों पर कार्य में बाधा डालने, पैसा छीनने जैसे आरोप लगाये हैं। दोनों पक्षों में सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। बीएसएल प्रबंधन से भी मामले में अनुसंधान को लेकर दस्तावेज वगैरह मांगे गये हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार को कैम्प-2 व सेक्टर-1बी के मध्य स्थित तालाब का जीर्णोद्धार कर उसे सूर्य सरोवर व तिरंगा पार्क के रूप में विकसित करने की योजना का काम चल रहा था। बोकारो स्टील के एनओसी के बिना कार्य चालू कराने पर प्रबंधन ने कार्य को रोक दिया था, जिसे लेकर काफी बवाल हुआ था। आरोप है कि विधायक बिरंची नारायण ने खुद ठेकेदार के समर्थन में बीएसएल के एजीएम (नगर सेवायें) अजीत कुमार के साथ मारपीट की थी। उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। घटना के बाद वह बोकारो जेनरल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराये गये थे।
दूसरी तरफ विधायक ने अपने ऊपर लगाये गये इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि आरोप साबित होने पर वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इधर, इस मामले में बीएसएल अधिकारी की तरफ से दर्ज प्राथमिकी में विधायक बिरंची नारायण और उनके लगभग दो दर्जन अज्ञात समर्थकों को अभियुक्त बनाया गया है। 
इसी साल 03 मार्च को विधायक बिरंची नारायण ने उक्त तालाब के जीर्णोद्धार का शिलान्यास किया था। वहां 100 फुट ऊंचा तिरंगा स्थापित किये जाने के साथ-साथ जौगिंग ट्रैक, ओपेन जिम आदि बनाने की योजना सरकारी योजना बतायी जा रही है। प्रबंधन का कहना है कि चूंकि जमीन बोकारो स्टील के अधीनस्थ है इसलिये बिना उसके अनापत्ति प्रमाणपत्र के वहां कोई भी निर्माण कार्य कराना अवैध है। इसलिये कार्य रोका गया। कुल मिलाकर इस मसले को लेकर बोकारो की राजनीतिक सरगर्मी चुनाव से पहले ही गरमा गयी है। नुक्कड़, चौक-चौराहों पर इसकी चर्चा तेज हो गयी है। इसके साथ ही प्रबंधन और विधायक के बीच सीधे टकराव की स्थिति बन गयी है। अब प्रशासन कैसे मामले को सुलझाता है, यह वास्तव में चुनौती है।

This post has already been read 7147 times!

Sharing this

Related posts