खेलमंत्री कर घर के बाहर धरने पर बैठी राष्ट्रीय खिलाड़ी, आत्मदाह की चेतावनी

बोकारो। मोनालिसा चक्रवर्ती। वह नाम जो झारखण्ड में लॉन टेनिस की इकलौती पहचान है। जिस मोनालिसा ने देशभर में समूचे झारखण्ड का नाम अपने खेल की बदौलत रोशन किया, वही आज बदहाली के दौर से गुजर रही है। हालत ऐसी कि अपना कैरियर बचाने के लिए सूबे के खेलमंत्री के घर के बाहर इस राष्ट्रीय खिलाड़ी को अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ा है। मोनालिसा के लिए टेनिस ही उसकी जिंदगी है। धरनास्थल पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में उसने कहा कि बिना टेनिस के वह कुछ भी नहीं और जब तक उसकी मांग पूरी करने को लेकर सरकार मदद नहीं करती, उसका बेमियादी धरना चलता ही रहेगा। फिर भी अगर बात न बनी तो मजबूरन उसे आत्मदाह तक करना पड़ जायेगा। उसने कहा कि यूएस में लॉन टेनिस स्पर्धा की अंतरराष्ट्रीय कोचिंग के लिए उसे 80 प्रतिशत छात्रवृत्ति मिली है। शेष 20 फीसदी राशि की जरूरत बस वहां रहने-खाने के लिए चाहिए। दुर्भाग्यवश यह राशि उसके पास नहीं है। उसके सिर पर पिता का भी साया नहीं। मां मल्लिका चक्रवर्ती के साथ ही वह रहती है। बता दें कि इसी 20 फीसदी बाकी के खर्च को लेकर सरकारी सहायता की मांग के लिए मोनालिसा ने अपने परिवार के साथ शुक्रवार को खेलमंत्री अमर कुमार बाउरी के घर के बाहर धरने पर बैठ गई। पैसे के अभाव में अपना खेल कैरियर बचाने की जद्दोजहद कर रही मोनालिसा ने कहा कि यूएस में उसका रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। अगर अब वह नहीं जाती है तो वे लोग उसे डिफॉल्टर घोषित कर देंगे और अगर ऐसा हुआ तो वह फिर कभी लॉन टेनिस नहीं खेल पाएगी। ऐसे में अब उसके पास धरना और अंततः जान देने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है। 

विधि-व्यवस्था बिगड़ी तो करेंगे कार्रवाई : एसडीओ

खेलमंत्री के घर के बाहर धरने पर बैठी लान टेनिस की राष्ट्रीय खिलाड़ी मोनालिसा के को खुद चास एसडीओ ने भी खूब समझाया। मौके पर प्रतिनियुक्त किये गये दंडाधिकारी दिनेश कुमार मिश्र ने समझाने की कोशिश की, परंतु मोनालिसा और उसके परिजन धरने पर ही डटे रहे।

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