रांची। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री राज पलिवार ने बड़ी संख्या में युवाओं से प्रधानमंत्री मानधन योजना से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस योजना का शुभारंभ नौ अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली में करेंगे। पलिवार मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस योजना से अधिक से अधिक युवा जुड़कर इसका लाभ लें। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य मजदूरों के चहरों पर मुस्कान लाना है। इस दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है।
पलिवार ने अपने विभाग की साढ़े चार साल की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि मानव तस्करी रोकने के लिए राज्य सरकार गंभीर है। इसे रोकने के लिए सरकार ने विधानसभा में विधेयक लाया था। लेकिन राज्यपाल के यहां से कुछ त्रुटियों के कारण वह वापस आ गया। हम उसे फिर से विधानसभा में लायेंगे। ताकि पलायन रोकने के लिए मजबूत कानून बन सके। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी मजदूर को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रहा है, तो वह शिकायत करें। सरकार कार्यवाई करेगी। इसके लिए कई बार ऑपरेशन इंसाफ चलाया गया है। उन्होंने कहा कि 2015 के पहले झारखंड में न्यूनतम मजदूरी दर 178.67 रूपये थी। जिसे बढ़ाकर 249.83 रूपये किया गया है। राज्य में मजदूरों का भुगतान उनके खाता में हो रहा है।
पलिवार ने कहा कि विगत चार वर्षों में विभाग द्वारा 550 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। इस दौरान 424 दोषी नियोजकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराया गया है। जबकि 2015 तक राज्य में 85 बाल श्रमिक विमुक्त कराये गये थे और 82 दोषी नियोजकों पर एफआईआर हुआ था। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के अंतर्गत सभी लाईसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया 2014 तक ऑफलाइन थी, जिसे ऑनलाइन किया गया। उन्होंने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस में पूरे देश में विभाग का 29वां स्थान था। अभी विभाग 100 प्रतिशत श्रम कानूनों में सुधार के साथ अग्रणी राज्यों में नम्बर एक है। 2015 के पूर्व निबंधित निर्माण श्रमिकों की संख्या 3.36 लाख थी। साढ़े चार साल में 5.66 लाख हुई। 2015 तक 4.72 लाख निर्माण श्रमिकों को लाभ दिया गया था। बीते साढ़े चार वर्ष में 20.53 लाख को दिया गया। उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों को दुर्घटना में मृत्यु के बाद देय लाभ को 75 हजार रूपये से बढ़ाकर पांच लाख रूपये एवं सामान्य मृत्यु में 30 हजार से बढ़ाकर एक लाख रूपये किया गया है। निर्माण श्रमिकों का न्यूनतम पेंशन 500 रूपये को दोगुना कर एक हजार रूपये किया गया है।
उन्होंने कहा कि असंगठित श्रमिकों के संबंध में 2015 तक निबंधित श्रमिकों की संख्या शून्य थी। साढ़े चार वर्ष में 13.10 लाख निबंधित किया गया। झारखंड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत मुख्यमंत्री असंगठित कर्मकार बीमा, मुख्यमंत्री असंगठित कर्मकार आवास योजना सहित कई योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि 2015 तक राज्य में कार्यरत सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या 27 थी, जो अब बढ़कर 59 हो गयी है। पीपीपी और कॉरपोरेट सोशियल रिसपोंसबिलिटी (सीएसआर) के तहत 2015 तक एक सांचलित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान था। अब 10 हो गये हैं। पलिवार ने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना से 2015 तक नौ जिले अच्छादित थे। साढ़े चार साल में राज्य के सभी 24 जिले अच्छादित हुए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के लिए 2015 तक एक भी टाई-अप नहीं था। बीते साढ़े चार वर्ष में सात बड़े अस्पतालों के साथ इएसआई का टाई-अप हुआ है। ताकि इलाज के अभाव में किसी भी मजदूर की मौत नहीं हो। प्रेस कांफ्रेंस में विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरूण एक्का, विशेष सचिव जगत नारायण प्रसाद, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक रामलखन प्रसाद गुप्ता सहित विभाग के कई अधिकारी उपस्थित थे।
This post has already been read 9234 times!