महेन्द्र सिंह धौनी दुनिया भर में अबतक के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर: सुशील दोषी

रांची। देश के जाने-माने कॉमेंटेटर पदमश्री सुशील दोषी ने कहा कि महेन्द्र सिंह धौनी दुनिया भर में अबतक के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रांची में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच का आंखों देखा हाल आकाशवाणी से सुनाने आये दोषी ने शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में कहा कि तेज गेंदबाज और स्पिन के खिलाफ धौनी से बेहतर कोई विकेट कीपर दुनिया में नहीं है।

85 से ज्यादा टेस्ट मैच और 500 से ज्यादा एक दिवसीय तथा टी-20 मैच का आंखों देखा हाल टेलीविजन और रेडियो पर सुनाने वाले दोषी ने कहा कि सुनील गावस्कर दुनिया के अबतक के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे हैं क्योंकि उन्होंने बिना हेलमेट के तेज गेंदबाजों का जिस प्रकार सामना किया उसकी मिसाल नहीं मिलती है। सचिन तेंदुलकर, विव रिचर्डस और गैरी सोबर्स भी महान बल्लेबाज रहे हैं, लेकिन इस सबसे उपर सुनील गावास्कर को वह मानते हैं। गेंदबाजी में माइकल होल्डिंग और डेनिस लिली सर्वश्रेष्ठ रहे हैं। जबकि बांये हाथ के तेज गेंदबाज वसीम अकरम को वह नंबर एक मानते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ  क्षेत्ररक्षकों में वह जोंटी रोड्स को नंबर एक पर रखते हैं। जबकि भारतीय क्षेत्ररक्षकों में रवीन्द्र जडेजा सर्वश्रेष्ठ हैं।

दोषी ने कहा कि 1972-73 में उन्होंने पहली टेस्ट कमेंट्री भारत और इंग्लैड के बीच मुंबई में खेले गये टेस्ट मैच की थी। उन्होंने कहा कि इस टेस्ट की कमेंट्री पहली बार आकाशवाणी के अलग-अलग चैनलों पर हिंदी और अंग्रेजी में प्रसारित की गयी थी। उन्होंने कहा कि उस समय उनके साथ कमेंट्री करने वालों में स्व. जसदेव सिंह और जोगा राव थे।

झारखंड स्टेट किक्रेट स्टेडियम रांची की तारीफ करते हुए दोषी ने कहा कि यह दुनिया के अच्छे स्टेडियमों से एक है और यहां का प्रेस बॉक्स काफी अच्छा है। प्रेस बॉक्स से गेंदों के मूवमेंट और स्विंग का बेहतर पता चलता है। जिससे श्रोताओं को बताने में आसानी होती है। अपने सबसे यादगार कमेंट्री  की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और इंग्लैड के बीच 1979 में ओवल में खेला गया टेस्ट मैच उनके लिए सबसे यादगार रहा। इस टेस्ट मैच में गावस्कर ने 221 रन बनाये थे। भारत को मैच जीतने के लिए 438 रनों की आवश्यकता थी और भारत 429 रन 9 विकेट पर बना पाया था। उन्होंने कहा कि इस किक्रेट मैच का रोमांच इतना अधिक था कि उन्हें कमेंट्री  के दौरान कहना पड़ा था कि कमजोर दिलों के इंसानों को उनके डॉक्टर सलाह दे रहे होंगे यह रोमांच उनके लिए भारी पड़ सकता है।

दोषी ने कहा कि इन दिनों जो किक्रेटर कमेंट्री कर रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर की हिंदी खराब है। उन्होंने कहा कि केवल किक्रेटर ही कमेंट्री कर सकते हैं, वह इस बात को नहीं मनाते हैं। कमेंट्री के लिए किक्रेटीय बुद्धिमता होनी चाहिए, तकनीक का ज्ञान, भाषा पर पकड़ और संतुलन रखने की क्षमता होनी चाहिए। हिंदी कमेंट्री के लिए जसदेव सिंह और रवि चतुर्वेदी के बाद पदमश्री पाने वाले तीसरे कॉमेंटेटर सुशील दोषी हैं। नौ जून 1947 को इंदौर में जन्म लेने वाले दोषी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है और किक्रेट के अलावा बैडमिटन, टेबल टेनिस और खो-खो की कमेंट्री कर चुके हैं। 1982 के दिल्ली एशियाई खेलों की कमेंट्री करने का श्रेय हासिल करने वाले दोषी कहते है कि टीवी के प्रचलन के बाद तकनीक की जानकारी रखने वाला व्यक्ति ही बेहतर कॉमेंटेटर बन सकता है।

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