कोडरमा। पीढ़ी-दर-पीढ़ी मृदा शिल्पकला को आगे बढ़ा रहे कुम्हारों को दीपावली का काफी बेसब्री से इंतजार रहता है। दीपावली में कुम्हारों द्वारा तैयार की गयी मिट्टी के दीये के अलावा अन्य खिलौनों की भी खूब बिक्री होती है। कोडरमा के उपायुक्त रमेश घोलप और अन्य अधिकारियों ने इस बार अनोखी पहल करते हुए जिले के अलग-अलग इलाकों में बसे कुम्हार परिवारों से मुलाकात कर उनसे एक लाख रुपये के मिट्टी के दीये खरीदें।
दीवाली के अवसर पर कोडरमा के स्थानीय कुशल कुम्हार भाइयों के द्वारा बनाये हुए एक लाख रुपये कीमत के मिट्टी के दीये डीसी रमेश घोलप, डीडीसी आर रॉनीटा, निदेशक डीआरडीए, अपर समाहर्ता, एसडीओ मनीष कुमार, ज़िले के पदाधिकारी एवं कर्मियों ने खरीदे।
इन अधिकारियों ने उनके घर जाकर दीये खरीदे। मौके पर उपायुक्त ने कहा कि दीवाली दीपों का त्योहार है। दीया अंधेरे को दूर कर प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। इस त्योहार में ऐसे गरीब व्यक्तियों से मिट्टी के दीये लोग खरीदें, ताकि उनकी दीवाली भी रोशन हो सके। इस क्रम में उपायुक्त ने, जिन कारीगरों के घर नहीं है या बारिश में क्षतिग्रस्त हुए है, उन्हें आवास दिलाने के लिए आवेदन जमा करने को कहा। साथ ही विधवा पेंशन, राशन कार्ड एवं कारीगरों को सरकारी योजना के तहत तत्काल दस हज़ार रुपये का लोन अल्प ब्याज़ पर देने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया। उपायुक्त एवं उपस्थित पदाधिकारियों ने उनके बच्चों को किताब, नोटबुक,पेन्सिल, पेन आदि शिक्षा सामग्री का वितरण करते हुए उन्हें मन लगाकर पढ़ने की सलाह दी और कहा कि, जिंदगी में ग़रीबी का अंधेरा शिक्षा का दिया जलाकर ही दूर किया जा सकता है। उपायुक्त ने जिलावासियों से प्लास्टिक के दीये खरीदने के बजाय, इन मेहनती एवं कुशल गरीब परिवारों के द्वारा बनाये हुए दीये खरीदने की अपील की है।
उपायुक्त की इस पहल से मिट्टी के दीये तैयार कर रहे कुम्हार भी उत्साहित नजर आए। उनका कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने बड़े पैमाने पर किसी ने दीये की खरीदारी की है। बड़ी संख्या में दीयों की बिक्री होने से कुम्हार परिवार के बच्चे भी काफी खुश नजर आए और इस बार की दीपावली उनके लिए भी रौशन नजर आया। बच्चों ने कहा कि दीये बिकेंगे तो वे लोग भी दीपावली में पटाखे फोड़ सकेंगे।
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