आतंकवाद से लड़ाई में भारत और अमेरिका हो सकते हैं एक साथ : कृष्णमूर्ति

वाशिंगटन। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के वापस लौटने और इतिहास के सबसे लंबे युद्ध के खत्म होने के बाद एक प्रभावशाली भारतवंशी अमेरिकी सांसद ने कहा है कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं। भारतवंशी अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में अपना आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रखना चाहिए, ताकि वह आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूहों के लिए पनाहगाह न बने।

और पढ़ें : आतंकी संगठन से जुड़े युवाओं के परिवार से मिले सेना के कमांडर

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत और अमेरिका कई तरीकों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर सकते हैं, जिसमें खुफिया सूचनाएं साझा करना भी शामिल हैं। साथ ही आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की क्षमता बढ़ाने और उनके मंसूबों पर पानी फेरने के लिए काम कर सकते हैं। इलिनोइस से तीन बार के सांसद कृष्णमूर्ति खुफिया मामलों पर सदन की स्थाई चयन समिति के पहले भारतवंशी सदस्य हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा हमें आतंकवाद के खिलाफ अपने प्रयास जारी रखने होंगे। मुझे लगता है कि इसमें न केवल भारत और अमेरिका शामिल होंगे बल्कि क्षेत्र के हमारे सहयोगी और साझेदार भी शामिल होंगे।

130504-A-DK678-011

अफगानिस्तान में अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध के समाप्त होने पर उन्होंने उन सैनिकों की प्रशंसा की जिन्होंने देश में सेवा दी और कहा कि सेना ने पिछले दो हफ्तों में उस देश से 1,20,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद की जो अब तक किसी देश से निकाले गए लोगों का सबसे बड़ा अभियान है। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि अमेरिकी लोग चाहते थे कि हम 20 साल बिताने, अरबों रुपये खर्च करने और हजारों अमेरिकी सैनिकों को मरते देखने के बाद अफगानिस्तान से निकल जाएं।

वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें

हालांकि, उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से निकली उसकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह बेहतर तरीके से किया जा सकता था। कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में अपना आतंकवाद रोधी अभियान जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा हम आईएसआईएस या अलकायदा जैसे अन्य समूहों को अफगानिस्तान में पनाह लेते नहीं देख सकते। खुफिया समिति का सदस्य होने के नाते मैं तालिबान के साथ अपनी सरकार को भी यह सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेह ठहराऊंगा कि अफगानिस्तान आतंकवादियों की पनाहगाह न बने।

This post has already been read 41549 times!

Sharing this

Related posts